निर्यात को बढ़ावा देने के लिये नोएडा में बनेगा अपरैल पार्क, 40 फीसद की पहुंची वृद्धि

लखनऊ,- उत्तर प्रदेश की योगी सरकार टेक्सटाइल के निर्यात को प्रोत्साहन देने और निवेशकों की सुविधा के लिये नोएडा में अपरैल पार्क की स्थापना करेगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि नोएडा एवं गाजियाबाद की कई इकाइयों से कपड़े दुनिया के विभिन्न देशों में निर्यात होते हैं। फिलहाल इस उद्योग का अधिकांश हिस्सा असंगठित क्षेत्र में है जिसे संगठित करने के लिए योगी सरकार नोएडा में अपैरल पार्क बनाएगी। इससे एक ही जगह निवेशकों को सारी सुविधाएं मिलने से उनकी गुणवत्ता में सुधार होगा। निर्यात में भी वृद्धि होगी।
उन्होने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-2022 के आंकड़ों पर गौर करें तो उत्तर प्रदेश से निर्यात होने वाले सामानों में टेक्सटाइल/अपैरल की हिस्सेदारी नौ फीसद यानी 12996 करोड़ की रही। क्रमशः इलेक्ट्रॉनिक एवं इलेक्ट्रिकल और दूसरे नंबर पर मीट के उत्पादों को छोड़ दें तो प्रदेश से निर्यात होने वाले उत्पादों में अपैरल का तीसरा नंबर है।
सूत्रों ने बताया कि 2020-2021 की तुलना में निर्यात में करीब 40 फीसद की वृद्धि रही। यह वृद्धि इसी समयावधि में इलेक्ट्रॉनिक एवं इलेक्ट्रिकल और मीट के उत्पादों से अधिक रही। वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद यह वृद्धि खुद में उल्लेखनीय मानी जाएगी।
उन्होने बताया कि निर्यात में प्रदेश के टॉप टेन शहरों में गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद की हिस्सेदारी क्रमशः 41 एवं 11 फीसद है। निर्यात करने वाली अपैरल इंडस्ट्री भी इन्हीं जिलों में है। इनमें से अधिकांश अनियोजित क्षेत्र में हैं। इनको नियोजित कर एक ही जगह इनको सारी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए योगी सरकार नोएडा में अपैरल पार्क बनाएगी।
इस पार्क में रेडीमेड गारमेंट्स की लगभग 115 निर्यातोन्मुखी इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य है। एक अनुमान के अनुसार इसमें तीन हजार करोड़ का निवेश आएगा। शीघ्र ही इस बाबत प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जुलाई में शिलान्यास और सितंबर 2025 तक सभी इकाइयों में व्यावसायिक उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा सरकार की योजना पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर पांच टेक्सटाइल एंड अपैरल बनाने की भी है। इसके लिए अगले साल सितंबर तक जमीन चिन्हित कर टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। 2026 तक इनमें उत्पादन शुरू कराने का लक्ष्य है।
सूत्रों ने बताया कि इस उद्योग को संगठित रूप देने के लिए जिन शहरों या उनके आसपास रेडीमेड गारमेंट्स की संपन्न परंपरा रही है उनमें सरकार फ्लैटेड फैक्ट्री बनाएगी। पहले चरण में इसके लिए कानपुर नगर, गोरखपुर और आगरा को चुना गया है। क्लस्टर अप्रोच की संभानाओं के मद्देनजर ही सरकार सभी एक्सप्रेसवे के किनारे बनने वाले औद्योगिक गलियारों में उस क्षेत्र की परंपरा के अनुसार टेक्सटाइल उद्योग की स्थापना भी करेगी। आगे चलकर राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम एवं एमएसईसीडीपी योजना के तहत 500 करोड़ रुपए की लागत से हर ब्लॉक में ऐसे क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।
सरकार की योजना पीएम मित्र योजना के तहत 10 हजार करोड़ रुपए की लागत से वैश्विक स्तर का टेक्सटाइल पार्क बनाने की भी है। नई पॉलिसी, बेहतरीन आधारभूत संरचना, बुनकरों के कौशल विकास और क्लस्टर अप्रोच के जरिए उत्तर प्रदेश को ग्लोबल टेक्सटाइल हब बनाने के क्रम में सरकार ब्रांड यूपी के लिए तैयार माल की मार्केंटिंग पर भी जोर देगी। इस क्रम में सरकार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के बड़े खिलाड़ियों मसलन फ्लिपकार्ट, अमेजन के साथ एमओयू करेगी। बुनकरों को अपने उत्पादों को ऑनबोर्ड करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।