उप्र का स्वास्थ्य महकमा भ्रष्टाचार में संलिप्त, जांच कर दोषियों पर हो कार्रवाई: मनजीत सिंह
Thu, 4 Aug 2022

लखनऊ। उप्र की भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के आकण्ठ में डूबी हुई है। इस पर प्रदेश के मुखिया स्वयं प्रश्नचिन्ह लगा चुके हैं और मंत्रियों के बीच में भी भ्रष्टाचार की संलिप्तता को लेकर काफी उठापटक हो चुकी है जिससे सरकार की काफी किरकिरी हुई। यह आरोप बुधवार को राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह ने कही।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे में 400 से अधिक प्रार्थना पत्र सरकार को इस बात के लिए प्राप्त हो चुके हैं कि विभाग में स्थानांतरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य विभाग में किये गये स्थानान्तरण की जांच कराई जाए और जिन लोगों को उपयुक्त स्थान से हटाकर अनुपयुक्त स्थानों पर भेजा गया है उनका स्थानांतरण रद्द किया जाए। श्री सिंह ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार एक तरफ भ्रष्टाचार मुक्त शासन की बात करती है तो दूसरी तरफ मंत्रियों से लगाकर सचिवालय तक भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है।
कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष ने मांग की कि पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार के तहत कार्रवाई करते हुए संबंधित विभाग के मंत्री को बर्खास्त किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो राष्ट्रीय लोक दल लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने को विवश होगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे में 400 से अधिक प्रार्थना पत्र सरकार को इस बात के लिए प्राप्त हो चुके हैं कि विभाग में स्थानांतरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य विभाग में किये गये स्थानान्तरण की जांच कराई जाए और जिन लोगों को उपयुक्त स्थान से हटाकर अनुपयुक्त स्थानों पर भेजा गया है उनका स्थानांतरण रद्द किया जाए। श्री सिंह ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार एक तरफ भ्रष्टाचार मुक्त शासन की बात करती है तो दूसरी तरफ मंत्रियों से लगाकर सचिवालय तक भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है।
कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष ने मांग की कि पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार के तहत कार्रवाई करते हुए संबंधित विभाग के मंत्री को बर्खास्त किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो राष्ट्रीय लोक दल लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने को विवश होगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।