प्रयागराज। उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा में आज बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल किया गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर विभिन्न जिलों के 39 अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश और पीठासीन अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। इन तबादलों में कई न्यायाधीशों को मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण और परिवार न्यायालय जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया है।
इस प्रशासनिक फेरबदल में न्यायाधीशों को उनके वर्तमान पद से हटाकर नए जिलों में अतिरिक्त न्यायिक और विशेष जिम्मेदारियाँ दी गई हैं।
MACT में नई नियुक्तियाँ
सुभाष चन्द्र को बिजनौर में पीठासीन अधिकारी, MACT नियुक्त किया गया है।
राजेश पति त्रिपाठी को गोरखपुर में पीठासीन अधिकारी, MACT नियुक्त किया गया है।
रवि कान्त को अयोध्या में पीठासीन अधिकारी, MACT नियुक्त किया गया है।
निकुंज मित्तल को प्रयागराज (दक्षिण) में पीठासीन अधिकारी, MACT नियुक्त किया गया है।
राजेन्द्र प्रसाद को लखनऊ (दक्षिण) में पीठासीन अधिकारी, MACT नियुक्त किया गया है।
परिवार न्यायालय में नियुक्तियाँ
पंकज मिश्रा को लखनऊ में प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय नियुक्त किया गया है।
राम केश को गौतम बुद्ध नगर में प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय नियुक्त किया गया है।
रचना अरोरा को सोनभद्र में प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय नियुक्त किया गया है।
अनिरुद्ध कुमार तिवारी को वाराणसी में प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय नियुक्त किया गया है।
रमेश दुबे को महराजगंज में प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय नियुक्त किया गया है।
विशेष अदालतों में तैनाती
कई न्यायाधीशों को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत विशेष अदालतें चलाने के लिए विशेष न्यायाधीशों और अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीशों के रूप में नियुक्त किया गया है।
गोरखपुर में अभिषेक कुमार चतुर्वेदी को भ्रष्टाचार निवारण विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।
कानपुर नगर में निशा श्रीवास्तव को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।
गोंडा में नित्या पाण्डेय को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।
बरेली में अमृता शुक्ला को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।
स्थानांतरण किए गए सभी न्यायाधीशों को जल्द से जल्द अपने नए पद पर कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है।
