मेरठ में 15 दिसम्बर तक बाल श्रमिकों की मुक्ति का विशेष अभियान, आठ किशोर श्रमिक अवमुक्त
मेरठ। बाल एवं किशोर श्रमिकों के चिन्हांकन, अवमुक्तिकरण एवं पुनर्वासन के लिए 15 दिसम्बर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। प्रमुख सचिव (श्रम) उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ के पत्र द्वारा मुख्यमंत्री द्वारा दिये निर्देशों के क्रम में वर्ष 2027 तक प्रदेश को बाल श्रम मुक्त किये जाने के उद्देश्य से बाल एवं किशोर श्रमिकों के चिन्हांकन, अवमुक्तिकरण एवं पुनर्वासन के लिए 15 दिसम्बर 2025 तक विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई किये जाने के निर्देश दिये हैं।
श्रम प्रवर्तन अधिकारियों एवं एएचटीयू के अधिकारियों की संयुक्त टीम गठित कराते हुए अभियान अवधि में कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। बाल श्रम के उन्मूलन, अवमुक्ति एवं पुनर्वासन के लिए अभियान चलाया गया है। जिसके क्रम में संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों एवं एएचटीयू के अधिकारियों की संयुक्त टीम द्वारा मैसर्स अल हबीबी कैफे एंड फिश प्वाईन्ट, मैसर्स यूसुफ ऑटो सर्विस सेंटर, मैसर्स चैपियन ऑटो सर्विस सेंटर, रईसुद्दीन सलमानी, मो0 सुहेल कैटरर्स चिकन बिरयानी, मैसर्स डब्बू हलवाई किठौर, मैसर्स आमिर हीरो होंडा सर्विस सेंटर जिसमें आठ किशोर श्रमिक अवमुक्त कराये गये।
बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 की धारा 03(1) एवं 03(ए) का उल्लंघन करने पर नियोजक के विरूद्ध छह माह से दो साल तक की जेल अथवा 20 हजार से 50 हजार रुपये तक के आर्थिक दण्ड का प्राविधान किया गया है। इसी के साथ जो गैर खतरनाक व्यवसायों, प्रक्रियाओं में किशोर को नियोजत करने वाले नियोजक जो धारा 7,8,9,11,12 का उल्लंघन करते हैं, के विरूद्ध एक माह की सजा तथा/अथवा धनराशि 10 हजार रुपये के अर्थदण्ड का प्राविधान किया है।
