27 करोड़ का जीएसटी फर्जीवाड़ा उजागर: केरल से दिल्ली होते हुए मुरादाबाद तक फैला बोगस ITC नेटवर्क, यूपी की 20 फर्में जांच के घेरे में
Moradabad News: मुरादाबाद में राज्यकर विभाग ने जीएसटी चोरी का एक बड़ा मामला पकड़ा है। जांच में सामने आया है कि केरल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश की कई फर्मों ने मिलकर करोड़ों रुपये का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) पास किया। इस बोगस बिलिंग चेन के जरिए सरकार को 27.71 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। एसआइबी (स्टेट इन्वेस्टिगेशन ब्रांच) अब इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है।
तीन राज्यों में फैला बोगस ITC नेटवर्क
केरल की फर्म बनी फर्जीवाड़े की जड़
मुरादाबाद जोन के एसआइबी अपर आयुक्त आर.ए. सेठ ने बताया कि केरल इडुक्की की फर्म “जीके ट्रेडर्स” का पंजीयन दिसंबर 2024 में हुआ था। चार महीने में इसका टर्नओवर 154.73 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसने दिल्ली की एसआर ट्रेडर्स को 27.35 करोड़ रुपये का बोगस ITC पास किया। जांच में पता चला कि इस फर्म ने आयरन-स्टील की फर्जी बिक्री दिखाकर कागजी कारोबार किया।
दिल्ली की फर्म ने यूपी की 20 फर्मों को पास किया फर्जी ITC
दिल्ली की करोल बाग स्थित “एसआर ट्रेडर्स” ने जनवरी 2025 में पंजीयन कराया था और मात्र तीन महीनों में 149.92 करोड़ का टर्नओवर दिखाया। इसके बाद इसने 26.88 करोड़ रुपये का फर्जी ITC यूपी की 20 फर्मों को पास किया। इनमें 9 मुरादाबाद की हैं और 11 अन्य पश्चिमी यूपी जिलों की।
मुरादाबाद की फर्मों पर शक
राज्यकर के संयुक्त आयुक्त शैलेंद्र कुमार उपाध्याय ने बताया कि नियमित डेटा एनालिसिस में पाया गया कि कुछ फर्मों के खातों में अचानक करोड़ों का ITC आ गया, जबकि न तो उनके गोदाम हैं और न ही किसी ट्रक मूवमेंट या ई-वे बिल का रिकॉर्ड। यह देखकर विभाग को फर्जीवाड़े का शक हुआ और जांच शुरू की गई।
फर्जी नेटवर्क का पैटर्न एक जैसा: बिना माल खरीदे बिलों पर खेल
जांच अधिकारियों के अनुसार, पूरा सिंडिकेट एक ही तरीके से काम करता है—फर्जी फर्म का पंजीयन, बिलों की खरीद, और फिर बोगस बिक्री दिखाकर ITC ट्रांसफर। असल कारोबार न के बराबर होता है, सिर्फ टैक्स बचाने और रुपये बनाने का खेल चलता है।
रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं
एसआइबी अब केरल, दिल्ली और यूपी की फर्मों के संचालकों की पहचान कर रही है। उनके बैंक खातों, मोबाइल लोकेशन, जीएसटी लॉगिन IP एड्रेस और ई-वेबिल रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। कागजी डमी संचालकों और असली लाभार्थियों को चिन्हित किया जा रहा है। विभाग ने सेंट्रल जीएसटी को भी भौतिक सत्यापन का पत्र भेजा है।
सरकार को करोड़ों का चूना
राज्यकर मुरादाबाद जोन के अपर आयुक्त अशोक कुमार सिंह ने बताया कि यह मामला बेहद गंभीर है। 27 करोड़ रुपये से अधिक का फर्जी ITC पास किया गया है। खरीद का कोई वास्तविक रिकॉर्ड नहीं है। विभाग अब इस फर्जी चेन की हर कड़ी जोड़कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।
