देवरिया- उत्तर प्रदेश के देवरिया जिला प्रशासन ने साफ किया है कि पिछले दिनो बरहज में कान्हा गौशाला में मृत पशुओं को लेकर वायरल वीडियो में हेराफेरी कर सनसनीखेज बनाने का प्रयास किया गया है।
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने गुरूवार को एक चार सदस्यीय जांच टीम से पूरे प्रकरण की जांच करायी। जांच में वायरल वीडियो में एडिटिंग के जरिये कुछ पुराने एवं नए वीडियो शाट्स मिक्सिंग किये जाने की पुष्टि हुई है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अरविंद कुमार वैश्य ने यहाँ देर शाम बताया कि वायरल वीडियो में कान्हा गौशाला बरहज में मृत पशुओं को गौशाला के अन्दर गाड़ने की जानकारी दी गयी थी। इस सम्बन्ध में संयुक्त टीम ने जांच की। टीम में अधिशासी अधिकारी निरूपमा प्रताप, उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, डॉ राजेश मोहन, खण्ड विकास अधिकारी तारकेश्वर तिवारी एवं पशु चिकित्साधिकारी डा कंचनलता शामिल थी।
जांच टीम ने पाया कि 17 अगस्त को रात्रि में दस बजे गौशाला गेट के मुख्य द्वार पर बाहर चार पशुओं को कोई व्यक्ति अस्वस्थ एवं भींगे हुए दशा में छोड़कर चला गया था। जिसमें दो पशुओं की रात्रि में ही मृत्यु हो गयी थी और सुबह एक बछिया एवं एक बछड़े की मृत्यु हो गयी। बरसात होने के कारण मरे हुए पशुओं को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार गौशाला में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया था, क्योंकि सामान्यता जहाँ पर पशुओं का अंतिम संस्कार किया जाता है, वहाँ बाढ का पानी भरा हुआ था।
उन्होंने बताया कि पशुधन प्रसार अधिकारी अशोक पांडेय, गौशाला के केयरटेकर भानु, प्रदीप सोनकर तथा जलकल के सुपरवाइजर महेश ने जांच टीम को बताया कि पूर्व में कान्हा गौशाला परिसर के आसपास के क्षेत्र में मृत गोवंशों का अंतिम संस्कार किया जाता रहा है लेकिन बाढ़ एवं बारिश के कारण पूर्व में दफन किये गए कंकाल सतह पर आ गए हैं।
डॉ. वैश्य ने बताया कि प्रथम दृष्टया वायरल वीडियो में प्रयुक्त कुछ फुटेज तीन वर्ष से अधिक पुराने हैं। जिनका एडिटिंग कर प्रयोग किया गया है।