नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उनके हालिया सोशल मीडिया पोस्ट पर आलोचना की, जहां उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी। जिस पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पोस्ट पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, “इस पोस्ट पर भी कई सवाल उठेंगे, तो क्या हुआ (भारत-पाकिस्तान समझौते के बारे में), कैसे और क्यों, इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं दी गई है इसलिए हम आज कोई आलोचना नहीं करेंगे। हम केवल यह चाहते हैं कि संसद का विशेष सत्र हो और सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए।
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मैं सभी राजनीतिक दलों से अपील करना चाहता हूं कि जब तक सरकार उन्हें यह आश्वासन नहीं देती कि प्रधानमंत्री भी बैठक में मौजूद रहेंगे, तब तक वे बैठक में शामिल न हों। मुझे पूरा भरोसा है कि अगर डॉ. मनमोहन सिंह आज प्रधानमंत्री होते, तो वे सर्वदलीय बैठक में मौजूद होते और विशेष सत्र भी बुलाया जाता।” उन्होंने कहा, “लाहौर में आतंकी ठिकानों पर सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। पूरा देश सेना को सलाम कर रहा है।”
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हालांकि, उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि युद्धविराम के बाद भी सरकार ने विशेष संसद सत्र बुलाने की उनकी मांग पर कोई जवाब नहीं दिया। सिब्बल ने कहा कि अब जब युद्धविराम हो चुका है, तो सरकार को तुरंत विशेष सत्र बुलाना चाहिए ताकि देश के सामने स्थिति स्पष्ट हो और किसी भी तरह की कड़वाहट से बचा जा सके। सिब्बल ने 2002 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय 26 लोगों की हत्या के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, लेकिन हाल की घटनाओं के बाद बुलाई गई बैठक में प्रधानमंत्री मोदी मौजूद नहीं रहे।
प्रधानमंत्री उस समय बिहार और केरल में थे। यह ठीक नहीं लगा कि इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर वे बैठक में शामिल नहीं हुए। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के एक लेख का जिक्र करते हुए कहा कि इस समय सभी को सेना की प्रशंसा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हमने भी सेना की तारीफ की है। चिदंबरम ने गाजा के संदर्भ में बात की, लेकिन यह समय सेना की बहादुरी को सलाम करने का है।”