गाजियाबाद। लोनी बॉर्डर क्षेत्र में गोलीमार कर हत्या के दोषी हेम सिंह को अदालत ने आपराधिक मानव वध (धारा 304 पार्ट वन) में दोषी मानते हुए 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। अदालत के न्यायाधीश अंजनी कुमार ने 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इसमें आधी धनराशि मृतक के पिता को देने का आदेश दिया है। गोली लगने के बाद युवक की मौत इलाज के दौरान सेप्टीसीमिया से 44 दिन बाद हुई थी।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता कपिल देव त्यागी ने बताया कि लोनी बॉर्डर क्षेत्र में गुलाब वाटिका निवासी तीर्थपाल का बेटा हिमांशु उर्फ पोली 11 मई 2016 को अपने दोस्त राहुल के साथ गुलाब वाटिका स्थित संजय जैन के मकान के पास खड़ा होकर बात कर रहा था। इसी दौरान संजय जैन का किरायेदार हेम सिंह उर्फ सोनू उर्फ चोंच वहां पहुंच गया और हिमांशु से कहने लगा कि यहां से भाग जाओ नहीं तो गोली मार दूंगा। कुछ दिन पहले राहुल और हेम सिंह का आपस में विवाद हुआ था, इसलिए वहां पर दोनों को साथ देखकर गुस्से में आ गया था।
हिमांशु ने कहा कि अभी जा रहे हैं, इसके बावजूद हेम सिंह ने हिमांशु को गोली मार दी। इस बात की सूचना तीर्थपाल को मिली। वह अंकुर और टोनी नामक युवक के साथ मौके पर पहुंचे। घटनास्थल पर घायल पड़े बेटे को अंकुर और टोनी की मदद से जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां इलाज के दौरान डॉक्टर ने बताया कि गोली रीढ़ की हड्डी में फंसी है, ऑपरेशन करने पर जान जा सकती है। इसके बाद कुछ तक इलाज के बाद घर लाकर मरहम पट्टी कराते रहे। इस दौरान सेप्टीसीमिया हो गया था और 24 जून 2016 को मौत हो गई थी। गोली लगने के बाद तीर्थपाल ने लोनी बार्डर थाने में हेम सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।