Friday, May 16, 2025

अनमोल वचन

आज विश्व परिवार दिवस है। परिवार, समाज और राष्ट्र की एक ईकाई है। यदि परिवार रूपी संस्था में ही आत्मीयता और सहयोग न रहा तो समाज में सामुहिकता और राष्ट्र में सुराज की कलपना दिवास्वप्न बनकर रह जायेगी। युवा और प्रौढ दम्पत्तियों को भी एकल परिवार बसाते समय इन तथ्यों की ओर ध्यान देना चाहिए कि जैसा व्यवहार हम आज अपने माता-पिता से कर रहे हैं वैसा ही व्यवहार हमारी सन्तान हमसे करे तो अपने हृदय पर क्या बीतेगी। यह कल्पना की बात नहीं एक सच्चाई है, क्योंकि ऐसे अभिभावक अपनी सन्तान को सहयोग-सहकार के स्वयं के ही संस्कारों से संस्कारित करते हैं। इस कारण बडे होकर वे भी एकल परिवार ही तो बसायेंगे। परिवार को टूटने से बचाया जा सके और संयुक्त परिवार को तत्कालिक और वैयक्तिक परिस्थितियों के अनुसार किसी भी रूप में जीवित रखा जा सके तभी आदर्श समाज की रचना की परिकल्पना साकार हो पायेगी। आज के युवाओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि बुजुर्गों के पास अनुभव की जो संचित निधि है उसका लाभ जो उठा लेता है वह भाग्यशाली है। उनकी दुआओं और आशीर्वाद में अपरिमित शक्ति है, जो उनके आशीष वचनों से वंचित रह जाते हैं वे अभागे हैं।

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