नोएडा। देश के विभिन्न नामी शैक्षिक संस्थाओं के जाली कूटरचित मार्कशीट, सनद व अन्य महत्वपूर्ण शैक्षिक प्रमाण-पत्र बनाने वाले तीन शातिर बदमाशों को थाना सेक्टर-63 पुलिस ने बहलोलपुर अण्डरपास के पास से गिरफ्तार किया है। बदमाशों के कब्जे से पुलिस ने भारी मात्रा में फर्जी मार्कशीट, माईग्रेशन सर्टीफिकेट (टीसी), एडमिट कार्ड, प्रमाण-पत्र, चरित्र प्रमाण-पत्र, मुहर, व 01 इंकपैड़, 01 लैपटॉप, 02 प्रिंटर, 61 प्लेन सीट रंग हरा, 54 सफेद सीट, 02 पैमेन्ट मशीन (पीओएस मशीन), लैंण्डलाईन फोन, 9 एटीएम डेबिट कार्ड, बैंक पासबुक व अपराध में प्रयुक्त 02 कार बरामद किया है।
थाना सेक्टर-63 के प्रभारी निरीक्षक अमित कुमार मान ने बताया थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि नोएडा में भिन्न-भिन्न शैक्षिक संस्थाओं का जाली मार्कशीट, सनद व अन्य महत्वपूर्ण शैक्षिक प्रमाण-पत्र बनाने वाला गिरोह सक्रिय हैं उन्होंने बताया कि मुखबीर द्वारा मिली सूचना के आधार पर आज थाने की पुलिस ने बहलोलपुर अण्डरपास के पास से तीन शातिर अभियुक्त थानचन्द शर्मा पुत्र महेश शर्मा, पुष्पेन्द्र यादव पुत्र राजू यादव तथा गोविन्द अग्रवाल पुत्र मिश्री अग्रवाल को गिरफ्तार कर उक्त सामान बरामद किया है।
उन्होंने बताया कि शातिरों द्वारा कम समय में अधिक से अधिक धन अर्जित करने के लालच में यह फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। शातिरों ने पुलिस को बताया है कि वे बेरोजगार, परीक्षा में फेल तथा नौकरी की आयु पार कर देने वाले लोगों की फर्जी मार्कशीट व अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र बनाते है, जिनको वे अलग-अलग प्रान्तीय बोर्ड से संबंधित दिखाते है। शातिरों द्वारा बनायी गयी जाली मार्केशीट व अन्य महत्वपूर्ण शैक्षिक प्रमाण-पत्र आदि में वे ग्राहक की इच्छानुसार उसकी आयु, प्राप्त अंकों, प्रतिशत व ग्रेड अंकित कर देते हैं। जिससे फर्जी प्रमाण-पत्र व मार्कशीट आदि बनवाने वाले इसका प्रयोग नौकरी पाने तथा अन्य अपने स्वार्थ पूरा करने के लिये इस्तेमाल कर लेते है।
जिसके बदले शातिर फर्जी मार्कशीट व माईग्रेसन लेटर (सनद), प्रमाण पत्र आदि का ग्राहकों से 20-30 हजार रूपये या ग्राहक की मजबूरी देखकर उसके हिसाब से रूपये लेते हैं। बरामद पैमेन्ट मशीन (पीओएस मशीन) के जरिये भी वे ग्राहकों से इन फर्जी दस्तावेजों को बनाने के रूपये लेते थे। उन्होंने बताया कि अभियुक्त गोविन्द अग्रवाल को उप्र. की एसटीएफ लखनऊ शाखा द्वारा भी फर्जी मार्कशीट व अन्य महत्वपूर्ण शैक्षिक प्रमाण पत्रों के प्रकरण में पूर्व में भी थाना चिनहट, कमिश्नरेट लखनऊ से जेल भेजा जा चुका है।