मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद की पहली बोर्ड बैठक में 310 करोड रूपये की लागत के 25 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हुए। बोर्ड बैठक में चेयरमैन मीनाक्षी स्वरूप ने कहा कि शहर को इंदौर जैसा साफ-सुथरा बनायेंगे और सभी सभासदों के प्रस्ताव पर अमल करके बिना भेदभाव के नगर का विकास कराया जायेगा।
नगरपालिका परिषद् की पहली बोर्ड बैठक में चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के पक्ष में पूरा बोर्ड खड़ा नजर आया। आज पक्ष और विपक्ष जैसा माहौल कहीं भी दिखाई नहीं दिया। यही कारण रहा कि मात्र 25 मिनट की बैठक में 25 प्रस्तावों वाला एजेंडा पारित कर दिया गया, इसमें केवल दो प्रस्तावों पर सभासदों में कुछ तकरार दिखाई दी।
बोर्ड ने अपनी पहली ही बैठक में शहर को विकास की गति प्रदान करने के लिए 310 करोड़ रुपये का बजट पारित किया, जबकि आय के मुकाबले व्यय अधिक होने को लेकर किसी ने सवाल नहीं उठाया। हालांकि सभासदों ने पूर्व में 1318 करोड़ का भ्रामक बजट तैयार करने पर अपना ऐतराज दर्ज कराते हुए जांच की मांग भी की।
नगरपालिका परिषद् के निर्वाचित बोर्ड की पहली बैठक का आयोजन बुधवार को टाउनहाल स्थित सभाकक्ष में किया गया। यहां पर चेयरपर्सन पूरे 11 बजे कक्ष में पहुंच चुकी थी। 11.10 बजे वन्देमातरम के बाद बैठक की कार्यवाही शुरू हुई। सबसे पहले ईओ हेमराज सिंह ने विशेष प्रस्ताव के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट सदन के सामने प्रस्तुत किया। इस पर सभासद राजीव शर्मा ने पूर्व में 1318 करोड़ रुपये का बजट तैयार करने को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए चेयरपर्सन से मांग करते हुए कहा कि इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच करानी चाहिए।
ईओ ने बताया कि त्रुटिवश एक शून्य अधिक होने से भ्रम फैला। बैठक में प्रस्ताव संख्या 10 और 11 को लेकर सभासद अब्दुल सत्तार, राजीव शर्मा, मनोज वर्मा, अन्नू कुरैशी ने अपना ऐतराज रखा, इसमें प्रस्ताव 11 को लेकर सभासदों ने कहा कि इसमें 20 किलोमीटर लम्बा एरिया शहर का दिखाया गया है, इसमें कांवड यात्रा के दौरान अस्थाई लाइट की व्यवस्था
करने की तैयारी है। इसमें यह नहीं बताया कि कितनी दूरी पर लाइट होगी। ईओ ने बताया कि 10 मीटर पर एक लाइट होगी, 2000 लाइट लगाने की तैयारी है और 40 लाइनमैन काम करेंगे। इसके अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रस्ताव पर कोई बहस नहीं हुई।
वार्ड 36 से भाजपा सभासद पारूल मित्तल ने सफाई कर्मचारियों के तबादले का मामला उठाते हुए बताया कि उनके वार्ड में पूर्व में 25 सफाई कर्मचारी थे, लेकिन अब 11 कर दिये गये हैं, जिनमें से 9 महिला सफाई कर्मचारी है, इससे
सफाईका कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहा है और लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने वार्डों में पथ प्रकाश की व्यवस्था नगण्य होने का मसला भी उठाया और नई लाइट खरीदकर समान अनुपात में प्राथमिकता के आधार पर वार्डों में लगवाई जाये।
सरफराज ने डेयरियों से बहते गोबर का मसला उठाया और पूर्व बोर्ड में पारित प्रस्ताव कि पालिका टीम गोबर उठाने का कार्य करेगी की प्रगति जानी। ईओ ने बताया कि टैण्डर हो चुका है, जल्द काम होगा। इसके साथ ही बोर्ड बैठक में इस वित्तीय वर्ष में 310 करोड़ रुपये की अनुमानित आय और 292 करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय का बजट प्रस्तुत किया गया। इसमें साफ-सफाई पर ज्यादा खर्च करने का प्रस्ताव पालिका लाई है।
सभासद शौकत अंसारी ने चेयरपर्सन को 50 हजार रुपये खर्च करने के वित्तीय अधिकार देने का प्रस्ताव रखा, जो पारित किया गया।
टैक्स वसूलने की नीति पर आपत्ति, बिल एक बनाने की मांग: सभासद राजीव शर्मा ने यह मामला उठाया कि सीमा विस्तार से पहले शहर में करीब सवा लाख भवनों में से पालिका प्रशासन 80 हजार भवनों से ही हाउस टैक्स वसूल रहा है। इससे आर्थिक नुकसान हो रहा है। एक टीम बनाकर छूटे भवनों को टैक्स में लाने की मांग के साथ ही उन्होंने जलकल और कर विभाग के टैक्स बिलों का समायोजन करते हुए एक वार्षिक बिल बनाने की मांग की, ताकि लोगों को भी राहत मिले और पालिका को भी समय से टैक्स के रूप में राजस्व प्राप्त हो सके।
सभासद अन्नू कुरैशी और राजीव शर्मा ने बैठक में चेयरपर्सन द्वारा पूर्व बोर्ड में स्वीकृति पा चुके 35 कार्यों के टैण्डरों को निरस्त करने पर आपत्ति जताते हुए ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने की मांग उठाई। सभासदों ने कहा कि यह कार्य करीब एक साल से लटके हुए हैं और अब जाकर लोगों को इनके पूरा होने की उम्मीद जगी थी, कहीं ठेकेदारों ने काम भी शुरू कर दिया था।
सभासद देवेश कौशिक ने इसका विरोध करते हुए कहा कि पालिका में पूर्व बोर्ड के कार्यों का ऑडिट किया जा रहा है, ऐसे में इनको शुरू कराने का औचित्य नहीं बनता है। राजीव शर्मा ने कहा कि वार्ड के लोगों के साथ यह अन्याय और
सभासद की सहमति ली जानी चाहिए थी। अन्नू कुरैशी ने समिति बनाकर जांच कराने की मांग की, जिसे दरकिनार कर दिया गया।
पालिका बोर्ड बैठक में मीनाक्षी स्वरूप के सामने अंजू अग्रवाल के बोर्ड के सबसे चर्चित टिपर प्रकरण का मामला भी सामने आया। सभासद योगेश मित्तल ने इस बात पर नाराजगी जताई कि एजेंडे के बजट प्रस्ताव में कंपनी को पालिका के द्वारा दिये गये भुगतान या उससे वसूली का कोई भी जिक्र नहीं किया गया है। सदन ने ईओ से जवाब मांगा।
ईओ ने बताया कि इसके लिए आरसी जारी करते हुए वसूली की विधिक प्रक्रिया को अपनाया गया है। कंपनी को पालिका द्वारा 85 लाख रुपये का मूल भुगतान किया गया था। इसके लिए ब्याज सहित कंपनी से करीब 7 करोड़ रुपये की धनराशि पालिका प्रशासन द्वारा वसूल की जानी है। इसके लिए ठेकेदार ब्लैकलिस्टिड है और वसूली के प्रयास किये जा रहे हैं।
सभासद राजीव शर्मा और मनोज वर्मा ने बैठक में पालिका के चार तालाबों में मछली पालन से होने वाली आय का मामला उठाते हुए कहा कि पिछले बोर्ड में इन तालाबों के टैण्डर से पालिका को 80 लाख रुपये की आय का दावा किया गया था, इस बजट में आय के पक्ष में इनका जिक्र क्यों नहीं किया गया है। यह घोर अनियमितता बताते हुए नाराजगी जताई गई और ईओ से जवाब मांगा तो ईओ ने कहा कि पालिका के पूरक बजट में इस त्रुटि को ठीक कर लिया जायेगा। बता दें कि अंजू अग्रवाल के बोर्ड में इन तालाबों के ठेकों को लेकर बड़ा विवाद हुआ था और ऑडियो भी वायरल हुई थी।
नगरपालिका की पहली बोर्ड बैठक में सभी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास होने पर चेयरमैन मीनाक्षी स्वरूप ने निर्वाचित हुए सभी 55 वार्डों के सभासदों को विश्वास दिलाया कि उनके बोर्ड में किसी भी प्रकार की ऊंच नीच और भेदभाव वाली परिपाटी नहीं होगी। बजट जो पारित हुआ है, विकास के पैमाने पर इसमें सभी की बराबर हिस्सेदारी होगी और सभी के लिए काम किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि नगर के विकास के लिए तेजी से कार्य किए जाएंगे। सभी के वार्डों में बराबर के विकास कार्य कराए जाएंगे, कहीं भी किसी भी वार्ड में कोई ऊंच-नीच बजट में नहीं की जाएगी। सभी वार्ड सभासदों को साथ लेकर नगर पालिका के क्षेत्र में विकास की गंगा बहाने का काम हम करेंगे। उन्होंने बताया कि हम अभी 50 सफाई कर्मचारी भर्ती करने जा रहे हैं, ताकि व्यवस्था बनाई जा सके। इसके साथ ही 16 हैल्पर और 18 ड्राईवर भी रखे गये हैं। कुल 84 नए कर्मचारियों का साथ हमें मिलेगा।
पालिका बोर्ड की बैठक में ईओ हेमराज सिंह पूरी पावर में नजर आये। उन्होंने बैठक शुरू होने से पहले ही सभासदों के अलावा दूसरे किसी भी व्यक्ति को बैठने की अनुमति नहीं दी। यहां तक की सभासदों के पतियों को भी बाहर जाने के लिए विवश होना पड़ा। ऐसे में सभासद सरफराज ने ऐतराज जताते हुए कहा कि पालिका में पूर्व में दर्शक दीर्घा की व्यवस्था करते हुए पास जारी किये जाते थे। ईओ बोले कि इस बार दर्शक दीर्घा की व्यवस्था नहीं है, तो सभी को बाहर जाना होगा।
बैठक में इनके अलावा सभासद श्रीमती सीमा जैन, राखी पंवार,बोबी सिंह, नवनीत गुप्ता, प्रशांत गौतम, अर्जुन प्रजापति, मिथलेश प्रजापति, मोहित मलिक, अमित शर्मा, अमित पटपटिया, देवेश कौशिक, प्रियांक गुप्ता, ममता बालियान, सतीश गगनेजा, शिवम बालियान, प्रशांत चौधरी, ऋतु त्यागी,हिमांशु कौशिक, उमरदराज, इरशाद आदि मौजूद रहे।