लखनऊ- चिकित्सकों का मानना है कि तंबाकू,पान मसाला और शराब का सेवन जानलेवा बीमारी कैंसर के लिये जिम्मेदार है और कैंसर के 40 फीसदी मरीज नशीले पदार्थो से ग्रसित होकर अस्पताल पहुंचते हैं।
हेड कैंसर सर्जन एवं टाटा मेमोरियल सेंटर मुंबई के उप निदेशक प्रो. पंकज चतुर्वेदी ने लोकभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कैंसर के कारण जानना बहुत जरूरी है। 20 प्रतिशत कैंसर के बारे में कोई जानकारी नहीं है। ब्लड-बोन आदि कैंसर क्यों होता, यह नहीं मालूम। 10 प्रतिशत कैंसर स्वच्छता पर आधारित हैं। 40 फीसदी कैंसर के कारण तंबाकू, शराब, पान मसाला आदि हैं। चार प्रतिशत कैंसर जेनेटिक हैं। हालांकि समाज में इसके बारे में गलत धारणा है। कुछ ही कैंसर जेनेटिक होते हैं।
प्रो. चतुर्वेदी ने कहा “ यूपी के वाराणसी में 70 हजार मरीजों का इलाज हो चुका है और प्रतिवर्ष 25 हजार मरीज वहां पंजीकृत हो रहे हैं। हमने सोचा था कि इस अस्पताल के बनने से मुंबई में यूपी के मरीजों की कमी होगी पर ऐसा नहीं हुआ।”
उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के सर्वाधिक मरीज मिलते हैं, फिर सर्वाइकल कैंसर के। ग्रामीण एरिया में सर्वाधिक मरीज सर्वाइकल कैंसर की मिलती हैं, फिर ब्रेस्ट कैंसर की मरीज मिलती हैं। एक यूनिक कैंसर सिर्फ यूपी में होता है। गंगा के किनारे व आसपास वालों में होता है। यह भारत के अलावा चिलेइ (साउथ अमेरिका) में गाल ब्लेडर कैंसर होता है।
हम भी इस पर शोध कर रहे हैं। अभी तक इसका कारण समझ में नहीं आए। पुरुषों में सबसे अधिक माउथ कैंसर होता है, फिर लंग कैंसर होता है। फिर जियोग्रॉफिकल एरिया के हिसाब से धीरे-धीरे स्टमक, कोलरेक्टर कैंसर आदि होता है। कैंसर जीवनशैली के ऊपर निर्भर होता है।
इस मौके पर सूबे के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने कहा कि प्रो. चतुर्वेदी ने बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर अपनी बात रखीं। दुनिया में 200 से अधिक महत्वपूर्ण शोध व लेख छपे हैं। हर परिवार में कैंसर बड़ी समस्या बन चुकी है। आपने सरल तरीके से निजात का तरीका समझाया। मुझे सोचकर आश्चर्य हुआ कि परिवार कैसा भी हो, लेकिन कैंसर की बात सुन स्ट्रेस आ जाता है। आपने कहा कि पहले स्टेज में जानकारी मिल गई तो 15 मिनट में इलाज हो जाता है।