नयी दिल्ली- केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज कहा कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों 4.4 लाख से अधिक गांवों ने खुद को खुले में शौच की बुराई से मुक्त (ओडीएफ प्लस) घोषित कर लिया है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण-चरण दो के तहत 2025 तक शत-प्रतिशत गांवों में हर घर शौचायलय और स्वच्छता की सुविधाएं मुहैया करोने की दिशा में यह बड़ी कामयाबी है।
नयी दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014
में कार्यभार संभालने के बाद से स्वच्छ भारत मिशन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और पूरा देश इसके पीछे खड़ा है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता ही सेवा अभियान में पांच करोड़ लोगों ने भाग लिया है और 2.05 करोड़ से अधिक लोगों ने श्रमदान किया । उन्होंने कहा कि 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सभी गांवों ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल कर लिया है और 4 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सभी गांवों ने ओडीएफ प्लस मॉडल का दर्जा हासिल कर लिया है।
सरकार द्वारा तय परिभाषा के तहत ओडीएफ प्लस गांव वह है , जिसने ठोस या तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को लागू करने के साथ-साथ अपनी खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति को बरकरार रखा है। आज तक, 4.43 लाख से अधिक गांवों ने खुद को ओडीएफ प्लस घोषित कर किया है। इसे 2024-25 तक एसबीएम-जी चरण दो के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति माना जा रहा है।
शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश जिन्होंने 100 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांव हासिल किए हैं वे हैं – अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, डी एंड एन हवेली, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, पुदुचेरी, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, और त्रिपुरा. राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अंडमान – निकोबार द्वीप समूह, दादरा नगर हवेली और दमन दीव, जम्मू और कश्मीर और सिक्किम में 100 प्रतिशत ओडीएफ प्लस मॉडल गांव हैं।
इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल करने में उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है और उनके प्रयास इस मील के पत्थर तक पहुंचने में सहायक रहे हैं।