नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की 79वीं बोर्ड बैठक ऐतिहासिक रही। बोर्ड बैठक में 23 प्रस्ताव रखे गए। बोर्ड ने किसान, आवंटी से लेकर ग्रुप हाउसिंग, उद्योग, संस्थागत सभी श्रेणी को सौगात दी है।
यमुना प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं प्रमुख सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक की जानकारी देते हुए यीडा सीईओ डा. अरूण वीर सिंह ने बताया कि 79वीं बोर्ड बैठक में प्राधिकरण द्वारा 1 जनवरी 2014 तक अर्जित की गई भूमि के सापेक्ष कृषक जिनका नाम प्राधिकरण द्वारा अर्जित/क्रय की शटवार्षिक खतौनी में प्राधिकरण की स्थापना तिथि 24 अप्रैल 2001 से पूर्व अंकित रहा हो। उनकी अर्जित/क्रय की गई भूमि के सापेक्ष 7 प्रतिशत आबादी भूखण्ड का लाभ दिये जाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि प्राधिकरण द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 के 15 जनवरी 2023 तक की कुल राजस्व प्राप्तियां 1784.63 करोड़ थी, जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 के 15 जनवरी 2024 तक प्राधिकरण की कुल राजस्व प्राप्तियां 5107.75 करोड़ रही जो कि पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि से कुल 285.61 प्रतिशत अधिक है तथा वित्तीय वर्ष 2022-23 के 15 जनवरी 2023 तक का कुल राजस्व भुगतान 1204.89 करोड़ था जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 के 15 जनवरी 2024 तक प्राधिकरण का कुल राजस्व भुगतान 2036.39 करोड़ रहा जो कि पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि से कुल 169.01 प्रतिशत अधिक है।
उन्होंने बताया कि यमुना प्राधिकरण द्वारा जनहित में तथा क्षेत्रीय कृषकों की मांग पर आवंटित 07 प्रतिशत आबादी भूखण्ड के सापेक्ष जारी किये गये आवंटन पत्र तथा पूर्व में जारी आवंटन पत्र में उल्लेखित मूल धनराशि पर लगने वाले ब्याज में शतप्रतिशत छूट (पूर्व में जिन आवंटियों द्वारा देय धनराशि ब्याज सहित जमा की जा चुकी है को छोडकर) दिये जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि यमुना एक्सपे्रसवे एवं ईस्टर्न पैरीफेरल एक्सपे्रसवे के ट्रैफिक को सुगम करने के लिए इसके जंक्शन बिन्दु पर 4 लूप व 4 रैम्प एवं 4 अतिरिक्त रैम्प बनाये जाने का निर्णय लिया गया था। इन रैम्पस् के निर्माण से यमुना एक्सपे्रसवे से ईस्टर्न पैरीफेरल मार्ग के माध्यम से कुण्डली, सोनीपत, मेरठ, मानेसर आदि आन-जाने के निए सुगम मार्ग उपलब्ध हो सकेगा। इस इन्टरचेन्ज को बनाये जाने के लिए एनएचएआई एवं यमुना एक्सपे्रसवे प्राधिकरण के मध्य एमओयू साइन किया जा चुका है।
ग्राम जगनपुर अफजलपुर परगना दनकौर के प्रभावित कृषकों द्वारा भूमि का प्रतिकर न उठाने, 64.07 प्रतिशत अतिरिक्त प्रतिकर व 7 प्रतिशत आबादी स्थल की मांग व विभिन्न न्यायालयों में योजित वादों के कारण इस इन्टरचेन्ज के निर्माण में काफी देरी हुई। अब संबंधित कृषकों द्वारा इन्टरचेन्ज पर सहमति के साथ प्रतिकर प्राप्त किया जा रहा है तथा प्राधिकरण द्वारा उनकी मांग के अनुसार 7 प्रतिशत आबादी भूखण्ड के लिए स्थान चिन्हित किये जाने पर बोर्ड द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है। निर्माण कार्यों में देरी के कारण पूर्व में स्वीकृत लागत 75.50 करोड़ से बढ़कर अब 122.89 करोड़ हो गई है। इसे एनएचएआई द्वारा सहमति प्रदान की गई है।
उन्होंने बताया कि बोर्ड ने संस्थागत श्रेणी के अन्तर्गत 10 एकड़ व उससे अधिक आकार के संस्थागत उपयोग के भूखण्डों को यथा डिग्री काॅलेज, मैनेजमेन्ट इन्सटीट्यूट, स्पोर्टस् काॅलेज, मेडिकल काॅलेज मय अस्पताल को ई-आॅक्शन की परिधि से बाहर रखने का निर्णय लिया गया है। बोर्ड बैठक के दौरान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि एनजी सहित अन्य मौजूद रहें।