Tuesday, November 19, 2024

साइबर सुरक्षा के लिए विनिर्माण में आत्मनिर्भरता जरूरी: मोदी

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साइबर सुरक्षा के लिए उपकरणों के विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के महत्व को रेखांकित करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत की युवा पीढ़ी प्रौद्योगिक क्रांति का नेतृत्व कर रही है और देश 6जी दूरसंचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए प्रतिबद्ध है।

मोदी यहां भारत मंडपम में भारत मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी2023) का उद्घाटन कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने देश के 100 विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों में 5जी ऐप विकास प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किए जाने की घोषणा भी की। प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आयोजित तीन दिन के इस सम्मेलन में दूरसंचार , डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं सॉफ्टवेयर उद्योग की कंपनियां शामिल हो रही हैं। उद्घाटन समारोह में दूरसंचार क्षेत्र के शीर्ष उद्यमियों ने डिजिटल प्रौद्योगिकी और मेक इन इंडिया के मोदी की सोच की भूरि-भूरि सराहना की। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार चाहती है कि भारत में विकास और संसाधनों का लाभ सभी लोगों और सभी क्षेत्रों को मिले तथा सबको

सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिले । उन्होंने कहा कि उनकी नजर में यही सबसे बड़ा सामाजिक न्याय है।
मोदी ने इंटरनेट प्रौद्योगिकी पर बढ़ती निर्भरता के वर्तमान दौर में साइबर सिक्योरिटी और इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी के महत्व को रेखांकित करते हुए शुक्रवार को कहा कि साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नेटवर्क उपकरणों के मामले में आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री ने इस सम्मेलन में प्रदर्शित उभरती तकनीक की झांकियां भी देखीं। उन्होंने दिल्ली और आसपास के युवकों को प्रदर्शनी में आने और भविष्य की प्रौद्योगिकी की दिशा देखने और उससे प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने साइबर सुरक्षा के महत्व के बारे में कहा, “ साइबर सिक्योरिटी तथा इंफ्रास्ट्रक्चर की साइबर सिक्योरिटी कितनी महत्वपूर्ण है ,यह आप सभी जानते हैं। हाल में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में इस विषय पर विशेष रूप से चर्चा हुई और कहा गया कि लोकतांत्रिक समाज को गड़बड़ी पैदा करने वालों से सुरक्षित रखने के लिए साइबर सिक्योरिटी क्षेत्र में सहयोग जरूरी है। ”

मोदी ने कहा कि निर्माण श्रृंखला में आत्मनिर्भरता का विशेष महत्व है, जब उपकरण राष्ट्र की सीमाओं में बने होंगे तो खतरा काम होगा। उन्होंने कहा कि भारत 2014 के बाद प्रौद्योगिकी और विनिर्माण क्षेत्र में नये आयाम तय कर रहा है उन्होंने कहा कि हम न सिर्फ भारत में तेजी से 5जी का विस्तार कर रहे हैं बल्कि 6जी के क्षेत्र में भी लीडर बनने की दिशा में बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं शताब्दी का यह कालखंड भारत की थॉट लीडरशिप (नयी-नयी सोच रखने वाले लोगों) का समय है। हम कुछ क्षेत्रों में थॉट लीडर बने हैं, जैसे यूपीआई हमारी थॉट लीडरशिप नयी सोच का परिणाम है, देश आज डिजिटल भुगतान प्रणाली में पूरी दुनिया का नेतृत्व कर रहा है , इसी तरह कोविड महामारी के समय में टीकाकरण के लिए कोविन हमारी नेतृत्वकारी सोच का नतीजा था।

मोदी ने कहा कि 2014 कोई तारीख नहीं बल्कि भारत में एक बदलाव का प्रतीक है, उल्लेखनीय है कि 2014 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार सत्ता में आई। श्री मोदी ने कहा कि भारत न केवल देश में 5जी नेटवर्क का विस्तार कर रहा है, बल्कि 6जी में अग्रणी बनने पर भी बल दे रहा है। 2जी के दौरान हुए घोटाले की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में शुभारंभ किए गए 4जी नेटवर्क का विकास पूर्ण पारदर्शी तरीके से किया गया है।

उन्होंने विश्वास जताया कि भारत 6जी तकनीक के साथ अग्रणी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकाल में 4जी का तेजी से विस्तार हुआ और हम पर कोई दाग नहीं लगा। प्रधानमंत्री का इशारा पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय कथित 2जी घोटाले की ओर था। उद्घाटन सत्र को इस अवसर पर संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव, संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान, रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के अध्यक्ष आकाश एम अंबानी, भारती एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल , आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

मोदी ने कहा कि भारत न सिर्फ देश में 5जी नेटवर्क का विस्तार कर रहा है, अपितु 6जी में भी अग्रणी बनने के लिए प्रतिबद्ध है और ‘हम प्रत्येक क्षेत्र में लोकतंत्रीकरण की शक्ति में विश्वास रखते हैं।’ उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के माध्यम से एक विकासशील देश को शीघ्रता से एक विकसित देश में बदला जा सकता है। भारत का सेमीकंडक्टर मिशन न केवल अपनी घरेलू मांगों बल्कि वैश्विक आवश्यकताओं को भी पूर्ण करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज हमारा देश तकनीक के विकास में किसी भी विकसित देश से पीछे नहीं है।

दूरसंचार विभाग और सेल्यूलर मोबाइल आपरेटरों के मंच सीओएआई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सीएमआई के इस 7वें संस्करण में ‘ग्लोबल डिजिटल इनोवेशन’ थीम के साथ आयोजित किए जाने वाला इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) एशिया का सबसे बड़ा दूरसंचार, मीडिया और प्रौद्योगिकी मंच है। आईएमसी 2023 का लक्ष्य प्रमुख अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के विकासकर्ता, निर्माता और निर्यातक के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत बनाना है।
प्रधानमंत्री ने देशभर के शैक्षणिक संस्थानों को 100 ‘5जी यूज केस लैब्स’ का उपहार देते हुए कहा कि ये लैब हमारे युवाओं को प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों के क्षेत्र में अपने सपनों को साकार करने का बड़ा अवसर प्रदान करेंगे।

प्रधानमंत्री ने हॉल 5 में प्रदर्शनी का उद्घाटन और इसका अवलोकन भी किया। मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के बदलते समय में यह आयोजन करोड़ों लोगों के जीवन को बदलने की क्षमता रखता है।उन्होंने प्रौद्योगिकी की तीव्र गति का उल्लेख करते हुए कहा कि भविष्य यहीं और अभी है। उन्होंने इस अवसर पर दूरसंचार, प्रौद्योगिकी और कनेक्टिविटी में भविष्य की झलक दिखाने के लिए लगायी गयी प्रदर्शनी की भी सराहना की। उन्होंने 6जी, एआई, साइबर सुरक्षा, सेमीकंडक्टर, ड्रोन अथवा अंतरिक्ष क्षेत्र, गहरे समुद्र, हरित तकनीक जैसे क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि भविष्य पूरी तरह से बदलने वाला है और यह प्रसन्नता का विषय है कि हमारी युवा पीढ़ी तकनीकी क्रांति का नेतृत्व कर रही है।
उन्होंने कहा कि भारत ‘ एक साल में ही 5जी प्रौद्योगिकी के प्रारंभ के चरण से 5जी की सुलभता की स्थिति तक पहुंच के चरण तक पहुंच गया है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि 5जी रोलआउट के एक वर्ष के भीतर भारत में 4 लाख 5जी बेस स्टेशनों का विकास किया गया है और यह 97 प्रतिशत से अधिक शहरों और 80 प्रतिशत आबादी को कवर करते हैं। उन्होंने कहा कि एक वर्ष के भीतर औसत मोबाइल ब्रॉडबैंड स्पीड की गति तीन गुना तक बढ़ गई है।

उन्होंने कहा कि ब्रॉडबैंड स्पीड के मामले में भारत 118वें स्थान से 43वें स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि रैंकिंग और संख्या से परे इंटरनेट कनेक्टिविटी और स्पीड में सुधार से जीवन सुलभ बनता है। उन्होंने शिक्षा, चिकित्सा, पर्यटन और कृषि में बेहतर कनेक्टिविटी और गति के लाभों को रेखांकित किया। मोदी ने कहा कि पूंजी, संसाधनों और प्रौद्योगिकी तक पहुंच हमारी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने उल्लेख किया कि मुद्रा योजना के तहत संपार्श्विक-मुक्त ऋण, शौचालयों तक पहुंच और जेएएम ट्रिनिटी के माध्यम से डीबीटी में एक बात समान है कि वे आम नागरिकों को मिलने वाले अधिकारों को सुनिश्चित कर रहे हैं।

उन्होंने इस संबंध में दूरसंचार प्रौद्योगिकी की भूमिका का उल्लेख करते हुए और भारत नेट की जानकारी दी जिसने लगभग दो लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा है। 10,000 अटल टिंकरिंग लैब लगभग 75 लाख बच्चों को अत्याधुनिक तकनीक से परिचित करा रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आज शुभारंभ की गई 5जी यूज लैब्स भी अत्यधिक प्रभावी सिद्ध होंगी। उन्होंने कहा कि ये प्रयोगशालाएं युवाओं को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करती हैं और उन्हें हासिल करने का आत्मविश्वास देती हैं।

प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कि भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम ने पिछले कुछ वर्षों में दुनिया में अपने लिए एक महत्वपूर्ण जगह बनाई है। उन्होंने कहा कि भारत ने काफी कम समय में 100 यूनिकॉर्न बना लिये हैं और अब यह दुनिया के शीर्ष 3 स्टार्टअप इकोसिस्टम में से एक बन चुका है। वर्ष 2014 से पहले भारत में बहुत कम स्टार्टअप थे, जबकि आज यह संख्या लगभग एक लाख हो गई है।

मोदी ने देश में स्टार्टअप को सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय मोबाइल कांग्रेस की एक पहल ‘एस्पायर’ कार्यक्रम का भी उल्लेख करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि इस पहल से भारत के युवाओं को काफी लाभ मिलेगा। पुरानी प्रौद्योगिकी से होने वाली कठिनाइयों को याद करते हुए, मोदी ने कहा कि अतीत की सरकारें भी ऐसी ही स्थिति में थीं। प्रधानमंत्री ने एक पुराने मोबाइल उपकरण का उदाहरण देते हुए पिछली सरकारों के पुराने तरीकों पर भी निशाना साधा, जिनकी कमांड काम नहीं करती थी। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद, लोगों ने पुरानी तकनीकों का उपयोग करना बंद कर दिया और अब बैटरी बदलना या सिस्टम को फिर से प्रारंभ करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि भारत मोबाइल फोन का आयातक हुआ करता था जबकि आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बन गया है।

मोदी ने पिछली सरकारों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के मामले में दूरदर्शिता की कमी को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत आज देश में निर्मित लगभग दो लाख करोड़ रुपये मूल्य की इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का निर्यात कर रहा है। उन्होंने गूगल द्वारा भारत में पिक्सल फोन बनाने की हालिया घोषणा की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सैमसंग फोल्ड फाइव और एप्पल आईफोन 15 का निर्माण पहले से ही देश में किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र की इस सफलता को और भी प्रगति की ओर अग्रसर करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि तकनीकी इकोसिस्टम में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों की सफलता के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम भारत में एक मजबूत सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षेत्र का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर के विकास के लिए 80 हजार करोड़ रुपये की पीएलआई योजना जारी है। आज, दुनिया भर की सेमीकंडक्टर कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर सेमीकंडक्टर को तैयार करने और परीक्षण सुविधाओं में निवेश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत का सेमीकंडक्टर मिशन न केवल अपनी घरेलू मांग बल्कि दुनिया की आवश्यकताओं को भी पूरा करने के दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास युवा जनसांख्यिकी और जीवंत लोकतंत्र की शक्ति है। उन्होंने इंडिया मोबाइल कांग्रेस के सदस्यों, विशेषकर युवा सदस्यों से इस दिशा में आगे बढ़ने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब हम एक विकसित भारत बनने के लक्ष्य को साकार कर रहे हैं, विचारशील समाज के रूप में आगे बढ़ने का परिवर्तन पूरे क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

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