प्रयागराज। ‘नगर कोतवाल’ के रूप में पूजे जाने वाले भगवान हनुमान की 108 फीट ऊंची मूर्ति महाकुंभ 2025 से पहले उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में यमुना के तट पर त्रिवेणी पुष्प क्षेत्र में बनाई जाएगी।
त्रिवेणी पुष्प को 30 साल के लिए हरिद्वार के परमार्थ निकेतन को पट्टे पर सौंप दिया गया है, जो इस प्रतिमा के निर्माण और कई अन्य संरचनाओं और सुविधाओं की देखभाल करेगा।
देश के विभिन्न मंदिरों की प्रतिकृतियां होने के बावजूद देखभाल के अभाव में त्रिवेणी पुष्प का कभी भी उसकी पूरी क्षमता से उपयोग नहीं हो सका।
हालांकि महाकुंभ से पहले इस स्थान को आध्यात्मिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। त्रिवेणी पुष्प के पुराने निर्माण समेत कुल 21 निर्माण होंगे। इनमें मूर्ति, एक स्कूल, फूड कोर्ट, पानी का फव्वारा, ध्यान केंद्र, मिट्टी का घर, आध्यात्मिक कुटिया और हवन कुंड आदि शामिल हैं।
इस बीच बाघंबरी मठ के महंत बलबीर गिरि ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की धार्मिक स्थलों के विकास की पहल की सराहना करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में विकास की नई कहानी लिखने जा रही है।
गिरि ने कहा, “चूंकि संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर भी पुनर्विकास की परियोजनाओं में शामिल है, इसलिए सभी संत और भक्त मुख्यमंत्री के आभारी होंगे।”
उन्होंने कहा कि वाराणसी कॉरिडोर, अयोध्या मंदिर और उज्जैन महाकाल मंदिर कॉरिडोर की तरह सरकार ने प्रयागराज में इस कॉरिडोर की सौगात दी है।
प्रयागराज के बड़े हनुमान मंदिर परिसर को भी नया रूप दिया जाएगा। इसके लिए मंदिर के पास 11,589 वर्ग फीट जमीन चिन्हित की गई है।