जयपुर। विधानसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के राज्य मुख्यालयों में व्यस्त गतिविधियां देखी गईं।
दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि त्रिशंकु विधानसभा जैसी स्थिति उत्पन्न होने पर किसी भी “तत्काल और त्वरित” निर्णय लेने की तैयारी चल रही है।
जहां पार्टियां प्लान-बी पर काम कर रही हैं, वहीं नतीजों से पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की त्वरित तत्परता और सतर्कता ने एक नई राजनीतिक चर्चा शुरू कर दी है। नतीजों के ऐलान से पहले ही वसुंधरा राजे ने ‘देव दर्शन’ शुरू कर दिया है।
शनिवार (2 दिसंबर) की सुबह उन्होंने जयपुर के मोती डूंगरी मंदिर में पूजा-अर्चना की, इसके बाद मेहंदीपुर बालाजी में दर्शन किए।
कांग्रेस और भाजपा के वरिष्ठ नेता शनिवार को राजस्थान में जुट रहे हैं।
कांग्रेस में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को मतगणना के दौरान राजनीतिक मामलों को देखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा शनिवार शाम जयपुर पहुंच गए।
हुड्डा चुनाव नतीजों पर नजर रखेंगे और हाईकमान को रिपोर्ट करेंगे।
वसुंधरा राजे के बैक टू बैक मंदिर दौरे से नई अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या उन्हें आलाकमान से कुछ संकेत मिले हैं।
इससे पहले शुक्रवार को वसुंधरा ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की थी। साथ ही, उन्होंने आरएसएस पदाधिकारियों से भी लंबी चर्चा की।
कांग्रेस और भाजपा, दोनों ने त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में ‘प्लान बी’ के मुताबिक काम करने की तैयारी शुरू कर दी है।
दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ने “हेलीकॉप्टर और विमान बुक किए हैं” और दिल्ली से ही घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है।
दोनों पार्टियों ने अपनी तैयारियों को पूरी तरह गोपनीय रखा है और निर्दलियों को साथ रखने की रणनीति पर कायम रहेंगी।
सूत्रों ने बताया कि अगर भाजपा को 100 सीटें मिलती हैं तो वसुंधरा को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि अगर पार्टी को 120 से ज्यादा सीटें मिलती हैं तो किसी नए चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।