Tuesday, April 29, 2025

शिक्षित होने के साथ-साथ छात्र उद्यमी भी बनें: कपिलदेव अग्रवाल

मुजफ्फरनगर। स्थानीय चौधरी छोटूराम पीजी कॉलेज में कृषि स्नातक व स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं हेतु राष्ट्रीय कृषि एवं अनुसंधान एवं प्रबंधन संस्थान हैदराबाद के सौजन्य से कौशल विकास एवं कृषि उद्यमिता ज्ञान हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि कपिल देव अग्रवाल, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग उत्तर प्रदेश सरकार तथा विशिष्ट अतिथि प्रो. ओंकार सिंह प्राचार्य एमवी रामपुर मनिहारान, सहारनपुर द्वारा मां सरस्वती पर दीप प्रजज्वलन द्वारा किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. नरेश मलिक ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के प्रयोजन उद्देश्यों पर प्रकाश डाला तथा प्रतिभागी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि अब समय आ गया है कि कृषि के क्षेत्र में हमारे छात्र-छात्राओं को रोजगार तलाशने की जरूरत नहीं है, अपितु रोजगार सृजन कर स्वयं आत्मनिर्भर बने साथ ही साथ राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करें।

अपने उद्घाटन संबोधन में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कौशल विकास से संबंधित केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही अनेकों योजनाओं की चर्चा करते हुए छात्र/छात्राओं से शिक्षा के साथ-साथ उद्यमी बनने के अनेकों अनेक रास्ते सुझाए तथा महाविद्यालय की प्रशंसा करते हुए इस तरह की कार्यशालाओं के आयोजन की आवश्यकता बताई व सफल आयोजन के शुभकामनाएं दी। कार्यशाला के प्रथम सत्र में हैदराबाद की राष्ट्रीय उच्च कृषि शिक्षा परियोजना के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डा. एसके सोम ने इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स में कृषि उद्यमिता पर विस्तृत चर्चा करते हुए छात्र-छात्राओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए अनेक बारीकियों को समझाया तथा उम्मीद की, कि इस महाविद्यालय से कम से कम एक-दो पेटेंट प्रति वर्ष अवश्य ही जाने चाहिए, जिससे छात्र व फैकल्टी के साथ-साथ संस्था का भी विकास होगा, कार्यशाला के द्वितीय सत्र में आईएआरआई पूसा से आए वैज्ञानिक डा. गिरिराज सिंह मेहरा ने छात्र-छात्राओं को विख्यात उद्यमी बनने की राह में संवाद शेली, कौशल विकास एवं साक्षात्कार शेली विकसित करने के लिए तकनीकी एवं व्यावहारिक पहलुओं को समझाया।

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जनपद के प्रसिद्ध कृषि उद्यमी सुनील कुमार सिंह, विनोद कुमार, संजीव गुप्ता तथा सत्यपाल सिंह द्वारा अपने-अपने अनुभव साझा किया तथा प्रतिभागी छात्र/ छात्राओं को सफल उद्यमी बनने के अनेक घटनाएं भी साझा की, जिससे विद्यार्थियों आने वाले समय में आत्मनिर्भर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान कर सकें। कार्यक्रम के तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए डा. देवेंद्र कुमार, प्रधान वैज्ञानिक केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान ने छात्रों को एयरोपोनिक्स, हाइड्रोपोनिक्स आईसीएआर के विभिन्न तकनीक द्वारा कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने के बारे में छात्रों को अवगत कराया।

डा. चंद्रभानु प्रधान वैज्ञानिक आईआईएफएसआर, मेरठ ने छात्रों को कृषि उद्यमिता के विभिन्न पहलुओं जैसे इनक्यूबेशन एवं स्टार्टअप तथा वित्तीय उपलब्धता के बारे में प्रतिभागियों को विस्तार से बताया। कार्यक्रम का संचालन डा. रवीश कुमार वर्मा ने किया।

कार्यशाला को सफल बनाने में प्रो. विजय कुमार ढाका, डा. एके सिंह, डा. ओम बीर सिंह, डा. संदीप कुमार, डा. अरुण कुमार, डा. आरके सिंह डा. एस के सिंह, डा. दुष्यंत कुमार, डा. जॉनी कुमार, डा. अभिषेक सिंह, इंजी. सुधीर कुमार, डा. टिशु शर्मा, डा. स्वशंक कुमार, डा. रंजीत कुमार, डा. प्रेम कुमार, नवनीत वर्मा सैयोनी दास, डा. आर्य पीएस, पुलित कुमार, आदि शिक्षक साथियों तथा नरेंद्र, सुदर्शन सहेंद्र, महेश विजय बाबू, डीए खान का विशेष योगदान रहा।

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