Tuesday, April 22, 2025

बिहार : केके पाठक ने छुट्टी से लौटते ही दिखाए तेवर, ठंड को लेकर स्कूलों में अवकाश पर उठाए सवाल

पटना। बिहार में चर्चित आईएएस अधिकारी और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने छुट्टी से लौटते ही अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए। उन्होंने ठंड के मद्देनजर जिलाधिकारियों द्वारा स्कूलों को बंद करने को लेकर सवाल उठाते हुए सभी प्रमंडल के आयुक्तों को पत्र लिखा है। पत्र में सर्दी और शीतलहर के कारण स्कूलों को बंद करने के आदेश को उन्‍होंने अवैध करार दिया है।

 

केके पाठक ने सवाल उठाए हैं कि बिहार में कैसी सर्दी या शीतलहर चल रही है, जो सिर्फ स्कूलों पर ही गिर रही है, कोचिंग संस्थानों पर नहीं? पत्र में कहा गया है कि पिछले दिनों सर्दी और शीतलहर के चलते विभिन्न जिलों में भांति-भांति के आदेश जिला प्रशासन द्वारा निर्गत किए गए। इन आदेशों को देखने से यह प्रतीत होता है कि ये आदेश धारा-144 के तहत किए गए हैं।

 

उन्होंने कहा है कि धारा-144 के तहत विद्यालय बंद किया जाना एक गंभीर और वैधानिक मामला बन जाता है। जब प्रशासन कानून की कोई धारा को लागू करता है तो यह ख्याल रखना चाहिए कि इसके तहत पारित आदेश न्यायिक पैमाने पर खरा उतरे। पत्र में कहा गया है कि जिला पदाधिकारियों ने जिस तरह का आदेश धारा-144 में पारित किया है, उसमें केवल विद्यालयों को ही बंद किया गया है, लेकिन अन्य संस्थानों मामलों का जिक्र नहीं किया गया है। जैसे कि जिले के कोचिंग संस्थाओं, सिनेमा हॉल, मॉल, दुकानें, व्यावसायिक संस्थानों की गतिविधियों या समयावधि को नियंत्रित नहीं किया गया है।

 

पत्र में कहा गया है कि ऐसी स्थिति में स्कूल बंद कराने वाले जिला प्रशासन से यह पूछा जा सकता है कि ये कैसी सर्दी या शीतलहर है, जो केवल विद्यालयों में ही गिरती है और कोचिंग संस्थानों में नहीं गिरती है।

यह भी पढ़ें :  समस्तीपुर में महिला समेत चार लोगों पर एसिड से हमला, पुलिस ने शुरू की जांच

 

उल्लेखनीय है कि बिहार के कई जिलों में ठंड के मद्देनजर आठवीं तक के स्कूलों को बंद रखा गया है। पत्र में यह भी साफ कहा गया है कि पिछले दिनों आपके क्षेत्र में इस प्रकार का आदेश जहां भी निकला है, उसे वापस लिया जाए। जहां तक सरकारी विद्यालयों का सवाल है, इस विभाग ने इन विद्यालयों की समयावधि 9 बजे सुबह से शाम 5 बजे तय कर रखी है।

 

इस समयावधि को बदलने के संबंध में कोई भी आदेश निकालने के पहले शिक्षा विभाग की पूर्वानुमति अवश्य प्राप्त कर ली जाए। बात-बात पर विद्यालयों को बंद रखने की परंपरा पर रोक लगनी चाहिए।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय