नई दिल्ली| सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी द्वारा भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी के खिलाफ की गई टिप्पणी के संबंध में एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए कहा कि वकीलों को परिवार के झगड़े में शामिल नहीं होना चाहिए। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि यह वचनबद्धता थी कि सोशल मीडिया पर कोई टिप्पणी नहीं होगी। रोहतगी के खिलाफ मोदी की एक सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला देते हुए सिब्बल ने कहा, हमारे पास यूआरएल हैं, इसका उल्लंघन किया जा रहा है। ललित मोदी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि वह दिखाएंगे कि वचनबंध का उल्लंघन नहीं किया गया है।
पीठ ने कहा कि यह और कुछ नहीं, बल्कि परिवार के किसी सदस्य का गुस्सा है और वकीलों को इसमें शामिल नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा, पार्टियां समझने के लिए पर्याप्त परिपक्व हैं, यह सब हटा दें।
साल्वे ने अदालत को बताया कि रोहतगी के खिलाफ मोदी की टिप्पणी को हटा लिया गया है। पीठ ने कहा कि वह इस मामले में कोई आदेश पारित नहीं कर रही है और साल्वे को इसे सुलझाने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करने को कहा।
पीठ ने कहा, जब भी आप सार्वजनिक रूप से इस तरह से लड़ना शुरू करते हैं, तो यह हमेशा किसी भी मुकदमे में दोनों पक्षों के लिए हानिकारक होता है। यह केवल प्रतिशोध की ओर ले जाता है। पीठ ने कहा कि कानूनी लड़ाई पूरी तरह से अलग है, लेकिन वकीलों को शामिल न करें।।
दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने सोशल मीडिया पर ललित मोदी द्वारा रोहतगी के खिलाफ की गई टिप्पणी पर कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया और मोदी परिवार विवाद को जुलाई में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
19 जनवरी को शीर्ष अदालत ने पूर्व अटॉर्नी जनरल और वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट में आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए एक याचिका की जांच करने पर सहमति व्यक्त की।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि मोदी ने रोहतगी पर झूठे आरोप लगाए हैं। इस मामले में सिब्बल ने कहा, पारिवारिक विवाद है, मोदी परिवार का विवाद है और कोर्ट के सामने शपथ पत्र दिया गया था कि सोशल मीडिया पर कोई बयान नहीं दिया जाएगा, लेकिन मेरे सहयोगी के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए गए हैं. सिब्बल ने कहा, इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती, यह अदालत के आदेश का उल्लंघन है ।
शीर्ष अदालत ने तब सिब्बल से पेपर बुक देने को कहा था। पीठ ने कहा, हम आईए (अंतरिम आवेदन) को अगले शुक्रवार को उपयुक्त पीठ के समक्ष रखेंगे।शीर्ष अदालत ने पिछले साल अगस्त में शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर.वी. रवींद्रन को पूर्व आईपीएल प्रमुख और दिवंगत उद्योगपति के.के. मोदी की पत्नी उनकी मां बीना मोदी से जुड़े पारिवारिक संपत्ति विवाद को निपटाने के लिए मध्यस्थ के रूप में नियुक्त किया। रोहतगी इस विवाद में बीना मोदी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों में से एक हैं।
एक इंस्टाग्राम पोस्ट में मोदी ने रोहतगी के खिलाफ कुछ टिप्पणियां की थीं। हालांकि बाद में एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कथित तौर पर वरिष्ठ अधिवक्ता से माफी मांगी। 13 जनवरी को मोदी के इंस्टाग्राम पोस्ट पर आईएएनएस से बात करते हुए रोहतगी ने कहा, यह बकवास है और वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।
आपको बता दें कि ललित मोदी ने पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी को धमकाते हुए लिखा है कि वह उन्हें भगोड़ा कहना बंद करें, मोदी ने रोहतगी को संबोधित पोस्ट में लिखा है कि वह वकीलों की गोष्टी में गॉसिप करने के शौकीन है यह उन्हें पता है लेकिन उस गॉसिप में मुझे भगोड़ा कहने से बचें, मेरी चर्चा करनी है तो मिस्टर मोदी कहकर संबोधित करें ,अगली बार आपसे इतनी शालीनता और नरमी से नहीं कहूंगा ,ललित मोदी ने यह भी लिखा है कि उनको दुनिया की किसी भी अदालत में रोहतगी से मदद की जरूरत नहीं है उनके पास हरीश साल्वे है।
मोदी ने लिखा है कि आदरणीय मिस्टर रोहतगी जी क्योंकि मैंने कभी आपका इस्तेमाल नहीं किया, मेरे पास आपका नंबर नहीं था, मेरे मन में आपके लिए हमेशा सम्मान है लेकिन आपके पास केवल तिरस्कार है, मेरा विनम्र अनुरोध है कि अपने जीवन में कभी भी मुझे भगोड़ा कहने से बचे,आप एक शार्टटर्म वकील हो सकते हैं और इस तरह पैये पेशा आपको कॉमेडियन आदि बनाता है, अगर कोई अदालत ऐसा कहती है तो मैं कुछ नहीं कहता लेकिन सीधे कह रहा हूं कि मैं दोबारा विनम्रता से नहीं कहूंगा।
मोदी ने यह भी लिखा है कि जीवन बहुत छोटा है. हर जगह खतरा हो सकता ,है बड़े लोग भी दुनिया के कई शहरों की गलियों में पैदल भी घूमते हैं, हाल ही में मैं भी एक बस की चपेट में आने से बाल-बाल बचा हूं। मोदी ने लिखा है कि आप नहीं जानते हैं कि मैं भगवान का पसंदीदा बच्चा हूं, वह मेरी रक्षा करता है।
मोदी ने यह भी लिखा है कि वकील रातों-रात जज को खरीदकर अपने मुवक्किल को जिताते होंगे लेकिन मैं आपको लाखों बार खरीद बेच सकता हूं ,अपने क्लाइंट के लिए जितना हो सके लड़े लेकिन मेरे जिक्र में मुझे केवल मिस्टर मोदी कहकर संबोधित करें।