Wednesday, April 23, 2025

खतौली का राजा वाल्मीकि हत्याकांड, पूर्व चेयरमैन पारस जैन के कोर्ट में आत्मसमर्पण की तारीख बढाई

खतौली। बकरे की मां कब तक खैर मनायेगी। यह पुरानी कहावत सुप्रीम कोर्ट द्वारा चर्चित भाजपा नेता राजा वाल्मीकि हत्याकांड के नामजद आरोपी पालिका चेयरमैन से सभासद बने पारस जैन के निचली अदालत में आत्मसमर्पण करने की तारीख 4 मई से बढ़ाकर 17 मई किए जाने के चलते आजकल नागरिकों की ज़ुबान पर है।

खतौली के मोहल्ला देवीदास निवासी भाजपा नेता राजकुमार उर्फ राजा वाल्मीकि की पांच अप्रैल 2017 को होली चौक स्थित अपनी दुकान पर बैठे होने के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक राजा वाल्मीकि के भाई राणा प्रताप ने थाने में दर्ज कराए मुकदमे में तत्कालीन पालिका चेयरमैन पारस जैन को भी आरोपी बनाया था। पुलिस ने अन्य नामजद अभियुक्तों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। जबकि पारस जैन के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल नहीं की थी। पुलिस की कार्यवाही के विरुद्ध मुकदमे के वादी राणा प्रताप ने धारा 319 के अंतर्गत पारस जैन के अदालत से तलबी आदेश करा दिए थे। तलबी आदेश के विरुद्ध पारस जैन ने हाई कोर्ट की शरण ली थी। हाई कोर्ट से कोई राहत न मिलने पर पारस जैन को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा था।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा निचली अदालत में पेश होकर ज़मानत कराने का आदेश देने पर पूर्व चेयरमैन पारस जैन ने अप्रैल 2०23 को एडीजे कोर्ट 2 मुजफ्फरनगर में अग्रिम और नियमित ज़मानत दिए जाने की अर्जी दाखिल की थी। जिस पर वादी राणा प्रताप ने राजा बाल्मिकी हत्याकांड से इतर पारस जैन की क्रिमिनल हिस्ट्री दाखिल करने के लिए स्थगन प्रार्थना पत्र दिया  था। जिसे दरकिनार करके एडीजे कोर्ट ने पारस जैन को पहले अग्रिम तथा 4 अप्रैल 2०23 को नियमित ज़मानत दे दी थी। जिसके विरुद्ध वादी राणा प्रताप ने हाई कोर्ट में अपील की थी।

[irp cats=”24”]

सुनवाई पश्चात हाईकोर्ट ने एडीजे कोर्ट मुजफ्फरनगर द्वारा पारस जैन को ज़मानत दिए जाने को गलत मान इसे निरस्त करके इन्हें 45 दिनों के अंदर निचली अदालत में पुन ज़मानत अर्जी दाखिल करने के साथ ही कोर्ट को कोई भी निर्णय लेने से पूर्व वादी राणा प्रताप को सुनवाई का अवसर दिए जाने के निर्देश दिए थे। पूर्व चेयरमैन पारस जैन ने उच्च न्यायालय के आदेश पर राहत पाने के लिए 18 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

बताया गया कि बीती 29 अप्रैल को सुनवाई पश्चात सुप्रीम कोर्ट ने पारस जैन की अपील निरस्त करके उच्च न्यायालय के आदेश को ज्यों का त्यों बरकरार रखने के साथ ही उन्हें निचली अदालत में पेश होने के लिए 15 दिनों की और मोहलत दे दी है। जिसके मुताबिक पारस जैन को अब 17 मई तक निचली अदालत में आत्मसमर्पण करके अपनी ज़मानत करानी होगी।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय