नयी दिल्ली। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने वायु सेना के दो लड़ाकू विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने से संबंधित घटनाक्रम के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को विस्तार से जानकारी दी है।
रक्षा मंत्री ने दुर्घटनाग्रस्त हुए विमानों को उडा रहे पायलटों के बारे में जानकारी ली। रक्षा मंत्री इस समूचे घटनाक्रम पर नजदीक से नजर रखे हुए हैं।
उधर वायु सेना के प्रवक्ता ने बताया है कि वायु सेना के दो लड़ाकू विमान सुबह ग्वालियर के निकट दुर्घटना का शिकार हुए हैं। ये विमान नियमित प्रशिक्षण उडान मिशन पर थे।
प्रवक्ता ने कहा कि दोनों विमानों में तीन पायलट सवार थे और इनमेंं से एक पायलट की मौत हो गयी है। उन्होंने कहा कि सुखोई विमान को उडा रहे दोनों पायलट सुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिये गये हैं।
दूसरा दुर्घटनाग्रस्त विमान मिराज बताया गया है।
इस बीच सेना ने स्पष्ट किया है कि उसका कोई हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुआ है इस बारे में मीडिया में जो रिपोर्ट आ रही हैं वह सही नहीं हैं।
इससे पहले मिली रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश के ग्वालियर एयरबेस से आज सुबह अभ्यास के लिए उड़ान भरने के बाद वायुसेना के दो लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त होकर गिर गए।
प्रारंभिक सूचनाओं के अनुसार मिराज सीरिज का एक विमान मुरैना जिले के पहाड़गढ़ क्षेत्र के सुनसान इलाके में गिरा, जबकि सुखोई सीरिज का विमान मुरैना जिले से लगे राजस्थान के भरतपुर क्षेत्र की सीमा में गिरा है। मुरैना जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर पहाड़गढ़ क्षेत्र के मानपुर में विमान का मलबा फैल गया । वायुसेना की टीम के अलावा पुलिस का दल भी मौके पर पहुंच गया है और मलबे वाले क्षेत्र को घेर लिया है, ताकि कोई उसके पास नहीं जा सके।
बताया गया है कि सुखोई और मिराज विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से सुबह लगभग नौ बजे से दस बजे के बीच अभ्यास के लिए उड़ान भरी थी। कुछ ही देर बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिली। अभी यह भी साफ नहीं हो पाया है कि क्या विमान आकाश में टकराए थे। क्योंकि दोनों विमानों का मलबा कम से कम एक सौ किलोमीटर के अंतर पर मिला है।
मुरैना के पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी ने बताया कि जिले में विमान गिरने की सूचना के बाद पुलिस बल भी तत्काल सक्रिय हो गया था और पुलिस टीम माैके पर पहुंची।