Friday, November 22, 2024

मुज़फ्फरनगर में पुरानी पेंशन बहाली मंच-अटेवा ने चलाया सदस्यता अभियान

मुजफ्फरनगर। पुरानी पेंशन बहाली मंच- अटेवा के जिला पदाधिकारियों द्वारा विभिन्न विभागों में वार्षिक सदस्यता और सहयोग कार्यक्रम के अन्तर्गत जनसंपर्क किया गया। जनसंपर्क दल का नेतृत्व जिला सदस्यता अभियान प्रभारी डॉ दीपक गर्ग ने किया।

सरकारी शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों और अर्ध सैनिक बल के जवानों के लिए पुरानी पेंशन की बहाली को एकमात्र मुद्दा बनाकर ऑल टीचर्स एम्प्लायज वेल्फेयर एसोसिएशन (अटेवा) सन 2013 से लगातार संघर्ष करता आ रहा है। निरंतर संघर्ष के परिणाम स्वरूप केंद्र सरकार द्वारा एनपीएस में कई बदलाव किए गए और कई राज्य सरकारों ने नई पेंशन योजना को बंद कर पुरानी पेंशन योजना लागू की। गत लोकसभा चुनाव के दौरान भी पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा छाया रहा और भारतीय जनता पार्टी ने माना कि पुरानी पेंशन के मुद्दे ने भी चुनाव में प्रभाव डाला। अटेवा प्रत्येक वर्ष सदस्यता और सहयोग अभियान चलाता है और सभी सरकारी शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों और अर्ध सैनिक बल के जवानों को अपने संघर्ष से जोड़ता है।

इसी क्रम में जिला पदाधिकारियों द्वारा सिंचाई और रेलवे विभागों में जनसंपर्क किया गया और सभी कर्मचारियों को अटेवा के पूर्व के प्रयासों और आगामी रणनीति के विषय में भी बताया गया तथा अटेवा की सदस्यता ग्रहण करने का आवाह्न किया गया। सभी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए डॉ दीपक गर्ग ने कहा कि पेंशन सभी सरकारी शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों और अर्ध सैनिक बल के जवानों का अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे। हमे एनपीएस में बदलाव नहीं ज्यों की त्यों पुरानी पेंशन चाहिए। उन्होंने सभी से अटेवा से जुड़कर पेंशन बहाली के आंदोलन को और मजबूत करने का आवाह्न किया। अ

टेवा के जिला उपाध्यक्ष रमेश चंद ने याद दिलाया कि कैसे 1 अक्टूबर 23 को दिल्ली का रामलीला मैदान पूरे देश से आए शिक्षकों और कर्मचारियों से ठसाठस भर गया था। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली तक शिक्षक और कर्मचारी निरंतर संघर्ष करते रहेंगे। अटेवा के जिला प्रभारी बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने सभी में जोश भरते हुए कहा कि संगठन में शक्ति होती है और संगठन के आगे बड़ी से बड़ी ताकत भी झुक जाती है। जनसंपर्क में रमेश चंद, यशपाल, सुनील कुमार, दीपक शर्मा, मोहम्मद सिफतैन, मुकेश कुमार, विशाल, सरोज शर्मा, भारती, ज्योति, कृष्णपाल, नेपाल सिंह आदि का सहयोग रहा।

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