Thursday, September 19, 2024

बजट को लोकसभा की मंजूरी, जमीन-जायदाद सौदों पर इंडेक्सेशन लाभ का विकल्प बरकरार

नयी दिल्ली-लोकसभा ने जमीन जायदाद पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर की प्रस्तावित नयी व्यवस्था में करदाताओं को राहत देने वाले संशोधन प्रस्ताव समेत कुल 45 सरकारी संशोधनों के साथ वित्त विधेयक 2024(2) को स्वीकृति प्रदान करने के साथ वर्ष 2024-25 के बजट प्रस्तावों को बुधवार को मंजूरी दे दी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधेयक में दीर्घकालीन पूंजीगत संपत्तियों (भूमि और भवन या दोनों) के हस्तांतरण/ बिक्री पर व्यक्तियों और अविभाजित हिंदू परिवार को राहत देते हुये प्रस्ताव किया कि 23 जुलाई 2024 (बजट पेश किये जाने की तिथि) से पहले खरीदी गयी जमीन जायदाद की बिक्री या हस्तांतरण पर इंडेक्सेशन (महंगाई दर समायोजन) के साथ 20 प्रतिशत या बिना इंडेक्सेशन के 12.5 प्रतिशत की दर, जिसमें कम कर दर हो उसे लागू किया जायेगा। वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत उपरोक्ता संशोधन सहित कुल 45 संशोधनों को सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी।

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इस तरह की संपत्तियों पर अब तक इंडेक्सेशन के साथ 20 प्रतिशत की दर से दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ लागू होता था। वित्त मंत्री बजट में कर की दर को 12.5 प्रतिशत करने के साथ ही 2001 की कीमत के आधार पर गणना की जाने वाली इंडेक्सेशन की सुविधा को समाप्त कर दिया था। इंडेक्सशन को बहाल रखने की संसद के अंदर और बाहर उठी मांग को ध्यान में रखते हुये वित्त मंत्री ने इस संबंध में नये संशोधन का प्रस्ताव किया था जिसके पारित होने पर अब करदाताओं के सामने दोनों विकल्प होंगे लेकिन इंडेक्सेशन के लिये अब कट ऑफ तिथि 23 जुलाई 2024 होगी।

वित्त मंत्री ने वित्त विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुये कहा कि मोदी सरकार जनता की बातों पर ध्यान देते हुये फैसला करती है। उन्होंने कहा कि इस संशोधन से जमीन जायदाद की खरीद-बिक्री पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।

उन्होंने जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पालिसी प्रीमियम पर 18 प्रतिशत की दर से माल एवं सेवाकर (जीएसटी) को समाप्त करने की विपक्ष की मांग को महज राजनीति बताते हुये कहा कि बिना प्रीमियम पर राज्यों में कर जीएसटी लागू होने से पहले से चला आ रहा था। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर जीएसटी परिषद की कई बैठकों में चर्चा हो चुकी है। वह विपक्ष की इन बातों को जीएसटी परिषद की बैठक को बतायेंगी।

श्रीमती सीतारमण ने विपक्ष से सवाल किया, “आप में से किसने अपनी सरकार वाले राज्यों के वित्त मंत्रियों को इस बारे में पत्र लिखा है। ”

इस मुद्दे पर अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी नितिन गडकरी की चिट्ठी का विपक्ष द्वारा जिक्र जाने पर उन्होंने कहा कि लोगों के ज्ञापन पर मंत्रियों द्वारा इस तरह के पत्र लिखना सामान्य बात है। विपक्ष इसको लेकर राजनीति कर रहा है। श्रीमती सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कम किये जाने की विपक्ष की मांग को भी उसका दोहरा चरित्र बताते हुये कहा कि मोदी सरकार ने जनता को राहत देने के लिये नवंबर 2021 और मई 2022 में उत्पाद शुल्क में कटौती की जिससे कुल मिलाकर पेट्रोल 13 रुपये और डीजल 16 रुपये प्रति लीटर कम हुआ। इसके अलावा मार्च 2024 में भी पेट्रोलियम उत्पाद की कीमतों में दो रुपये की कमी की गयी लेकिन हिमालच प्रदेश, कर्नाटक और पंजाब जैसे राज्यों में विपक्षी दलों की सरकारों ने डीजल पेट्रोल पर राहत देने की बजाए जनता का बोझ बढ़ाया। तमिलनाडु में डीजल और पेट्रोल को पांच रुपये तक सस्ता करने का वादा था लेकिन केवल पेट्रोल पर तीन रुपये की कटौती की।

वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार लगातार मध्यम वर्ग को कर में राहत देने के प्रावधान करती आई है। उन्होंने चालू बजट में वेतन भोगी कर दाताओं के लिये मानक कटौती 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये किये जाने, स्टार्टअप पर एंजिल कर कम किये जाने जैसे कदमों का जिक्र किया। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुये कहा कि ‘टैक्स टेरोरिज्म’ और बांह मरोड़कर पैसा वसूलने की बाते 2014 से पहले की हैं। उनकी सरकार ने कर व्यवस्था को सरल बनाया है, जिससे कर दाताओं का विश्वास बढ़ा है। उन्होंने इसी संदर्भ में कर रिटर्न करने वालों की संख्या में वृद्धि का भी उल्लेख किया।

वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार चालू वित्तवर्ष के बजट में कच्चे माल, कई दुर्लभ खनिजों सोना चांदी जैसी महंगी धातुओं और इलेक्ट्रानिक यंत्रों के निर्माण में काम आने वाले यंत्रों और प्रणालियों पर आयात शुल्क कम किया है, ताकि घरेलू विनिर्माण उद्योगों को प्रोत्साहन मिल सके और रोजगार के अवसर बढ़ें।

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