नोएडा। यमुना विकास प्राधिकरण के अधिसूचित एरिया पर हो रहे अवैध निर्माण के खिलाफ आज बड़ी कार्यवाही की गई। प्राधिकरण द्वारा ग्राम-झांझर परगना व तहसील सिकन्द्राबाद जनपद बुलन्दशहर में किए गए अवैध निर्माण को बुलडोजर व जेसीबी लगाकर लगभग 0.7590 हेटेयर अर्थात 7890 वर्गमीटर भूमि खाली करायी गई, जिसकी बाजार लागत लगभग 15.18 करोड़ (पन्द्रह करोड़ अठारह लाख रुपये) आंकी गई है।
इन दिनों यमुना प्राधिकरण भू-माफियाओं के विरूद्ध एक्शन में है। यमुना सीईओ डा. अरूणवीर सिंह के सख्त निर्देश पर प्राधिकरण के आला-अफसरों द्वारा की जा रही कार्यवाही से अवैध कब्जाधारियों में हड़कंप मचा हुआ है। प्राधिकरण के अधिकारियों ने प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में अतिक्रमण पर प्रभावी अंकुश लगाने के उद्देश्य से अर्जित एवं कब्जा प्राप्त भूमि पर भू-माफियाओं द्वारा किये जा रहे अतिक्रमणों के खिलाफ विशेष अभियान चला रखा है। शुक्रवार को ओएसडी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने परियोजना विभाग व भूलेख विभाग के अधिकारियों, विपिन कुमार डिप्टी कलेक्टर व प्राधिकरण तहसीलदार तथा भारी पुलिस बल के साथ यमुना प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र ग्राम-झांझर में विभिन्न कालोनाईजर्स द्वारा बिना अनुमति के किये गये अवैध निर्माण व प्लाटिंग के विरुद्ध उत्तर प्रदेश इन्डस्ट्रीयल डेवलपमेंट एक्ट 1976 की धारा-10 के अन्तर्गत ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की।
ओएसडी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि ग्राम-झांझर में कुल क्षेत्रफल 0.7590 हेक्टेयर अर्थात 7890 वर्गमीटर भूमि पर प्राधिकरण की बिना अनुमति के अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की गई। जिसका कुल मूल्यांकन लगभग पन्द्रह करोड़ अठारह लाख रुपये हैं। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण की जमीन पर अवैध कालोनी काटने वाले कालोनाईजर्स के विरूद्ध ककोड थाना में एफआईआर दर्ज करायी गई है। उन्होंने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि अवैध रूप से जमीन कब्जा कर काटी जा रही कॉलोनी में अपनी गाढ़ी कमाई न फंसाएं। अगर किसी कॉलोनाइजर से अवैध कॉलोनी में प्लॉट खरीदा है तो रजिस्ट्री का प्रपत्र लेकर पुलिस से शिकायत करें। साथ ही इसकी एक कॉपी प्राधिकरण को भी उपलब्ध कराएं ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने कहा है कि यमुना प्राधिकरण के अधिसूचित एरिया में किसी भी व्यक्ति को अवैध निर्माण करने की इजाजत नहीं है। यमुना क्षेत्र में कहीं भी जमीन खरीदने से पहले प्राधिकरण से संपर्क कर पूरी जानकारी जरूर प्राप्त कर लें। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति व संस्था द्वारा किसी प्रकार की कोई जमीन की खरीद-फरोख्त की जाती है तो उसमें होने वाले किसी भी प्रकार की लाभ हानि के लिए प्राधिकरण की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी, उसके लिए व्यक्ति व संस्था स्वयं जिम्मेदार होगा।