मेरठ। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के लिए कानूनी संकट गहराता नजर आ रहा है। विवादित बयान को लेकर मेरठ की अदालत ने उन्हें नोटिस जारी किया है। भारतीय किसान यूनियन अटल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित चौधरी की शिकायत पर मेरठ की अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम ने टिकैत को 6 नवंबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। इस सुनवाई में टिकैत को अपने बयान से जुड़े मामले में पक्ष रखना होगा।
इस मामले की शुरुआत 20 अगस्त को हुई जब टिकैत मेरठ में पीवीवीएनएल एमडी ऑफिस पहुंचे थे। जहां उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान देश के मौजूदा हालातों की तुलना बांग्लादेश से की थी। उन्होंने बयान में कहा था कि “देश में हालात बांग्लादेश जैसे हो गए हैं। लोग गुस्से में हैं और शासक भी इसी डर से भागने को मजबूर होंगे।” इसी दौरान टिकैत ने 26 जनवरी के दिल्ली किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा था कि “अगर उस दिन 25 लाख लोग लाल किला की जगह संसद भवन की ओर कूच कर गए होते, तो हालात बदल सकते थे।” टिकैत के इस बयान ने विवाद खड़ा कर दिया और भारतीय किसान यूनियन अटल के अध्यक्ष अमित चौधरी ने इसे देश-विरोधी करार देते हुए उनके खिलाफ अदालत में शिकायत दर्ज कराई।
अमित चौधरी के अनुसार वे टिकैत के बयान को लेकर पहले मुजफ्फरनगर और मेरठ के पुलिस प्रशासन के पास भी गए थे लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। अंततः उन्होंने अदालत का रुख किया। अब अदालत ने नोटिस जारी कर टिकैत को 6 नवंबर को पेश होने का आदेश दिया है। चौधरी ने कहा, “मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और मुझे आशा है कि टिकैत पर कार्रवाई होगी।”