चंडीगढ़। हरियाणा में घरेलू व कृषि उपभोक्ताओं की ओर से बिजली के प्री-पेड मीटरों का विरोध किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने पहले सरकारी कार्यालयों पर प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला लिया है। इसी क्रम में हरियाणा में भी सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड मीटर लगेंगे। बिजली विभाग की ओर से इसकी योजना तैयार कर रहा है।
शुक्रवार को केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हरियाणा में चल रहीं बिजली विभाग की योजनाओं का रिव्यू किया गया। इस बैठक में सरकारी कार्यालयों पर प्रीपेड बिजली मीटर लगाने का निर्देश जारी किया गया। दाअसल, हरियाणा में 30 लाख प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन विरोध के कारण प्रोजेक्ट अधर में ही लटका हुआ है। पंचकूला, पानीपत, करनाल, फरीदाबाद और गुरुग्राम में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 10 लाख प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य था, जिसके लिए केंद्र व राज्य सरकार की ओर से राशि की भी स्वीकृति दे दी थी।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्री-पेड मीटरों का विरोध किया जा रहा है, ऐसे में सबसे पहले सरकारी कार्यालयों पर प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। इसके बारे रियायती दरों पर कमर्शियल, औद्योगिक संस्थानों के साथ शिक्षण संस्थानों में प्रीपेड मीटर लगेंगे। इसके बाद उन उपभोक्ताओं को प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे, जो अग्रिम भुगतान करने में सक्षम होंगे, इसके बाद साधारण उपभोक्ताओं को प्रीपेड मीटर का लाभ पता चलेगा और वे खुद आगे आएंगे। जून 2026 तक पांच शहरों में यह मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हरियाणा में गर्मी के पीक सीजन में 14 हजार 662 मेगावाट बिजली की डिमांड होती है, डिमांड के मुताबिक बिजली की सप्लाई की जाएगी। हरियाणा की बिजली कंपनियों को पब्लिक लिस्टिंग किया जाएगा।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश में चल रहे मेट्रो प्रोजेक्टों पर चर्चा हुई। हरियाणा सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के समक्ष नई मेट्रो की मांग उठाई गई। इनमें अंबाला शहर से अंबाला छावनी और यमुनानगर व जगाधरी में मेट्रो प्रोजेक्ट की मांग रखी गई। नई मांग के आधार का कार्ययोजना तैयार होगी। प्रदेश में गुरुग्राम, फरीदाबाद, बहादुरगढ़ सहित दिल्ली के साथ लगते क्षेत्रों में मेट्रो प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत 450 नई बसों की शुरुआत होगी। केंद्र सरकार की ओर से करनाल और फरीदाबाद शहर का स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए चयन किया गया है।