पटना। बिहार में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने यूपी के संभल की घटना को अत्यंत दुखकारी बताते हुए कहा कि यह घटना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लेते हुए कहा कि जब किसी प्रदेश का मुख्यमंत्री ‘बंटोगे तो कटोगे’ जैसे विध्वंसकारी नारे देने लगे तो समझों वह संवैधानिक कर्तव्यों, राजधर्म और हिंदुस्तान की आत्मा से पूर्णरूपेण विमुख हो चुका है। तेजस्वी ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा, “निर्दोष युवाओं को पुलिस द्वारा मारा जाना तथा सत्ता इन मौतों पर अट्टहास लगाए जाएं तो समझ लीजिये सत्ता के परिवर्तन की नितांत आवश्यकता है।”
संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द शामिल किए जाने के खिलाफ याचिकाएं खारिज
उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि ‘वसुधैव कुटुंबकम्’, ‘अनेकता में एकता’ और ‘ सर्वधर्म समभाव’ की आत्मा वाले हिंदुस्तान के किसी राज्य में ऐसे कृत्य करने वाली सरकार को सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार और लोकतांत्रिक हक नहीं है। देश-प्रदेश चलाने के लिए न्यायिक चरित्र व न्याय की ज़रूरत होती है, अत्याचारी मनोभाव व नफरत भरे एकतरफा निर्णय की नहीं। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि देश नफ़रती शक्तियों को पहचान चुका है तथा लोकतांत्रिक ढंग से ऐसे तत्वों को सत्ता से हटाने की ठान चुका है। नफरत का हारना बहुत ज़रूरी है। प्रेम का जीतना उससे भी अधिक जरूरी है।
उन्होंने अपने बयान में सबसे प्रार्थना करते हुए कहा कि प्रेम चुनिए नफरत नहीं। एकता और अखंडता ही अखंड भारत के प्राण और ताकत हैं। उल्लेखनीय है कि 24 नवंबर की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। पुलिस का कहना है कि इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।