गाजियाबाद। कौशांबी डिपो को 80 सीएनजी बसों की सौगात मिलने का समय अब नजदीक आ गया है। जानलेवा हो चले प्रदूषण से राहत के लिए बड़ा कदम है। यूपी रोडवेज के अधिकारियों का कहना है कि कौशांबी डिपों को आवंटित हुईं सीएनजी बसें दिसंबर से आना शुरू हो जाएंगी। जनवरी तक कौशांबी डिपो का आवंटित सभी सीएनजी बसें मिल जाएंगी। इसके अलावा पुरानी बसों को सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों में परिवर्तित करने की योजना पर भी काम चल रहा है।
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प्रदूषण वाली खटारा हो चुकी बसों को नीलाम किया जा रहा है। 12 बसें नीलाम हो चुकी हैं, बाकी बची 24 पुरानी बसें भी जल्द नीलाम होंगी। प्रदूषण को रोकने में मिलेगी मदद एआरएम, यूपी रोडवेज, शिव बालक ने बताया कि अगले माह से नई सीएनजी बसें मिलना शुरू हो जाएंगी। इन बसों से प्रदूषण को रोकने में काफी मदद मिलेगी। नई सीएनजी बसों को उन रूटों पर चलाया जाएगा, जहां बसों की कमी है। इसके अलावा कई रूटों से खटारा बस हटाकर भी नई सीएनजी बसें चलाने की योजना है। जैसे- जैसे मुख्यालय से बसें मिलती रहेंगी, उनका संचालन शुरू होता रहेगा। मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक दिसंबर से शुरू होकर जनवरी माह तक 80 सीएनजी बसें कौशांबी डिपो में पहुंच जाएंगी। उन्होंने बताया कि फिलहाल कौशांबी डिपो से 120 सीएनजी बसों का संचालन किया जा रहा है।
500 पुरानी बसों का भी होगा कन्वर्जन एआरएम शिव बालक ने बताया कि गाजियाबाद रीजन की पांच सौ पुरानी बसों के फ्यूल कन्वर्जन की योजना पर भी काम चल रहा है। इन डीजल के बजाय सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों में कन्वर्ट किया जाना है। इस योजना पर काम पूरा होने के बाद जहां प्रदूषण से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है वहीं ग्रैप लागू होने पर बसों की किल्ल्त की समस्या भी दूर हो जाएगी। अभी दिल्ली – एनसीआर में ग्रैप- 4 लागू है और बीएस-4 डीजल बसों पर पाबंदी है। बसों के कन्वर्जन का काम पूरा होने के ये बसें ग्रैप लागू होने के बाद भी पाबंदी की हद से बाहर रहेंगी और यात्रियों को बसों की किल्ल्त का सामना नहीं करना पड़ेगा।