अयोध्या। अयोध्या में रामलला की सेवा राग-भोग के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर में 10 अर्चकों (पुजारियों) की नियुक्ति की है। इसके बाद श्री राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा राम मंदिर में 10 पुजारी नियुक्त किए गए हैं। पुराने पुजारी उन्हें सभी प्रक्रिया बता रहे हैं। उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इसके बाद उन्हें राम मंदिर में पुराने अर्चकों के साथ पूजा-अर्चना के लिए लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि नये पुजारियों को प्रतिबंध भी बताए गए हैं। कठोर नियम और सुरक्षा के दृष्टिगत अर्चकों को एंड्राइड मोबाइल के साथ मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध है। जो पुजारी अंदर रहेंगे, वह बाहर नहीं आएंगे। यदि वह बाहर आते हैं और किसी को स्पर्श करते हैं तो उन्हें स्नान करना पड़ेगा। किसी को प्रसाद या चंदन नहीं लगा सकते हैं। किसी भी भक्त तथा अन्य किसी भी व्यक्ति का स्पर्श निषेध है।
गर्भगृह में बात करने की अनुमति नहीं है। बता दें कि नए पुजारियों की बैठक सोमवार को रामकोट स्थित ट्रस्ट के भवन में हुई थी। इसमें महंत मिथिलेश नंदिनी शरण, महंत डॉ. रामानंद दास, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने सभी पुजारियों को मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए बनाई गई नियमावली की जानकारी दी थी। बता दें कि राम मंदिर में 10 प्रशिक्षित पुजारियों की नियुक्ति दो साल के परिवीक्षा काल (प्रोबेशन पीरियड) के लिए की गई है। इन सभी पुजारियों को नियुक्ति पत्र के बजाय एक समझौता पत्र दिया गया है। पुजारियों को सशर्त नियुक्त किया गया है, जिस पर विशेष ध्यान दिया गया है।