नई दिल्ली। भारत-जापान रक्षा नीति वार्ता की 7वीं बैठक भारत के रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने और जापान के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के रक्षा उप मंत्री ओका मसामी की सह-अध्यक्षता में आयोजित की गई। 5 अप्रैल को नई दिल्ली में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में दोनों पक्षों ने रक्षा, अंतरिक्ष और साइबर तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़ने पर सहमती जताई है। दोनों देशों ने सैनिक अभ्यास और सेवा-सहित मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला पर बात की। बैठक के दौरान संयुक्त सैनिक अभ्यास और प्रबंध, क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों और रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी में सहयोग सहित पर विस्तृत मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
गौरतलब है कि जापानी उप मंत्री ने हाल ही में जारी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति और राष्ट्रीय रक्षा रणनीति के नीति संबंधी अपडेट भी प्रस्तुत किए। दोनों देशों ने रक्षा वार्ता और अभ्यासों के माध्यम से सेवाओं के बीच बढ़ते सहयोग की सराहना की। उन्होंने जापान में इस साल जनवरी में भारतीय वायु सेना और जापानी वायु आत्मरक्षा बल के बीच औपचारिक लड़ाकू अभ्यास ‘वीर गार्जियन’ के आयोजन का स्वागत किया।
दोनों देशो का मानना है कि संबंधित रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग को गहरा करना चाहिए। भारतीय रक्षा सचिव ने जोर देकर कहा कि दोनों देशों को अपने-अपने रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग को गहरा करने का लक्ष्य रखना चाहिए। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारत में निवेश के अवसरों को देखने के लिए जापानी रक्षा उद्योगों को भी आमंत्रित किया। दोनों पक्ष रक्षा अंतरिक्ष और साइबर जैसे नए और उभरते क्षेत्रों में विविध सहयोग पर सहमत हो गए।
भारतीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत और जापान ने एक मजबूत रक्षा साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के अवसर पता लगाने पर सहमत हुए। दोनों पक्षों ने पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीखों पर अगली रक्षा नीति वार्ता आयोजित करने पर भी सहमति व्यक्त की। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि रक्षा नीति वार्ता द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर चर्चा करने के लिए भारत और जापान के बीच एक संस्थागत तंत्र है।