खतौली। जिसकी उम्मीद थी, वैसा ही हुआ। पूर्व चेयरमैन पारस जैन ने अपने एक कारिंदे को नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव निर्दलीय लड़वाने की घोषणा करके भाजपा के साथ ‘खेला’ कर दिया है। पूर्व चेयरमैन पारस जैन के बगावती तेवर अपनाने से भाजपा में खलबली मचने के साथ ही गठबंधन प्रत्याशी हाजी शाहनवाज लालू खेमें में उत्साह का माहौल है। इसी बीच एक अदालत ने पूर्व चेयरमैन की गिरफ़्तारी के भी आदेश दे दिए है।
अपने चहेते एक ओबीसी वर्ग से संबंध रखने वाले नेता को पार्टी सिंबल दिलवाने में विफल रहने पर पारस जैन ने बगावती रुख अख्तियार करके अपने दो खास कारिंदों कृष्णपाल सैनी व मुकेश सैनी का नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद हेतु निर्दलीय के रूप में नामांकन कराकर भाजपा प्रत्याशी उमेश कुमार के साथ खेला करने का संदेश दे दिया था। नाम वापसी के दिन पारस जैन ने मुकेश सैनी का नामांकन वापस कराकर कृष्णपाल सैनी पर दांव खेलने की मंशा जाहिर कर दी थी।
शुक्रवार को पारस जैन ने बाकायदा प्रेसवार्ता करके कृष्णपाल सैनी को अपना समर्थित प्रत्याशी घोषित करके भाजपा से दो-दो हाथ करने की घोषणा कर दी। प्रेसवार्ता में पारस जैन ने कृष्णपाल सैनी के नाम पर अपना चेहरा आगे करके पालिकाध्यक्ष पद का चुनाव दमदार तरीके से लडऩे की घोषणा करते हुए कहा कि अपने कार्यकाल में कस्बे के विकास का जो खाका उन्होंने तैयार किया था। उसको वो कृष्णपाल सैनी को पालिकाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाकर साकार कराएंगे।
पारस जैन के राजनीतिक पैंतरे से भाजपा खेमे में हलचल मच गई है। चर्चा है कि पारस जैन का उमेश कुमार के साथ दो बातों को लेकर छत्तीस का आंकड़ा है। पहली बात यह है कि पारस जैन के चेयरमैन रहते पालिका बोर्ड में उमेश कुमार सभासद थे। पूरे कार्यकाल पारस जैन और उमेश कुमार की आपस में नही बनी। दूसरी बात यह है कि पारस जैन को इस बात की टीस है कि वर्ष 2017 के नगर निकाय चुनाव में पारस जैन की माता भाजपा प्रत्याशी श्रीमती रीतू जैन को हराने में उमेश कुमार सीधे इनवाल्व थे।
उल्लेखनीय है कि भाजपा प्रत्याशी के रूप में श्रीमती रीतू जैन के पालिकाध्यक्ष का चुनाव लडने के दौरान भाजपाई उमेश कुमार एंड पार्टी ने निर्दलीय मदन छाबड़ा को चुनाव लड़वाया था। जिसके चलते मदन छाबड़ा द्वारा कई हजार वोट लेने से भाजपा प्रत्याशी श्रीमती रीतू जैन सपा प्रत्याशी बिलकीस से मात्र 9 वोटों से शिकस्त खा गई थीं। तभी से पारस जैन अपने विरोधियों से हिसाब चुकता करने का मौका तलाश रहे थे।
उमेश कुमार के पार्टी प्रत्याशी घोषित होते ही पारस जैन ने अपना पुराना हिसाब चुकता करने की नीयत से अपने पुराने वफादार सारथी कृष्णपाल सैनी का निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन करा दिया था। कृष्णपाल के नामांकन करते ही पारस जैन के भाजपा प्रत्याशी उमेश कुमार के साथ खेला किए जाने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया था।
शुक्रवार को पारस जैन ने भाजपा से खुल्लम खुल्ला बगावत करके अपने सारथी कृष्णपाल सैनी को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दमदार तरीके से चुनाव लडने की घोषणा करके कस्बे की राजनीति में हलचल मचा दी। राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों का मानना है कि पारस जैन के बगावती तेवर अपनाने से भाजपा प्रत्याशी को भारी नुकसान होने के आसार बन गए है। पारस जैन के अप्रत्याशित कदम की भाजपा नेताओं ने काट ढूंढनी शुरू कर दी है। दूसरी ओर नामांकन पश्चात चुनाव चिन्ह आवंटित होते ही पालिकाध्यक्ष पद के चुनाव की सरगर्मियां तेज़ होनी शुरू हो गई है।
इसी बीच मुज़फ्फरनगर की सीजेएम अदालत ने एक पुराने मामले में पारस जैन की गिरफ़्तारी के आदेश दे दिए है। बताया जाता है कि अदालत ने पुलिस को आदेश दिए है कि पारस जैन को गिरफ्तार करके 29 अप्रैल को उनकी अदालत में पेश किया जाए।