नई दिल्ली | कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को एक सांसद के रूप में अपनी अयोग्यता पर अपने राजनयिक यात्रा दस्तावेज को सरेंडर करने के बाद एक नया ‘साधारण पासपोर्ट’ पाने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) के लिए दिल्ली की एक अदालत का रुख किया।
राहुल ने उनके और उनकी मां सोनिया गांधी, उनकी कंपनियों और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर नेशनल हेराल्ड मामले में एक आवेदन दायर किया है।
1 नवंबर 2012 को स्वामी ने अदालत में एक निजी शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों ने अपनी स्वामित्व वाली निजी कंपनी यंग इंडियन के माध्यम से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नामक सार्वजनिक रूप से सीमित कंपनी का अधिग्रहण करके 16 अरब रुपये की धोखाधड़ी की और जमीन हड़प ली है।
अदालत ने 19 दिसंबर, 2015 को मामले में राहुल गांधी और अन्य को जमानत दे दी थी। राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट वैभव मेहता ने गांधी की अर्जी पर स्वामी से जवाब मांगा है।
आवेदन में कहा गया है, आवेदक मार्च 2023 में संसद सदस्य नहीं रहा और इस तरह उसने अपने राजनयिक पासपोर्ट को सरेंडर कर दिया और एक नए साधारण पासपोर्ट के लिए आवेदन कर रहा है और इस न्यायालय से अनुमति और अनापत्ति प्रमाणपत्र मांग रहा है। अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए बुधवार को सूचीबद्ध किया है।
आपको बता दे कि नेशनल हेराल्ड मामले में सुब्रमण्यम स्वामी ने राहुल गांधी के खिलाफ याचिका दायर की है। इस मामले में कोर्ट ने दिसंबर 2015 में राहुल गांधी, सोनिया गांधी समेत दूसरे आरोपितों को जमानत दी थी। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ अपनी याचिका में स्वामी ने लिखा है कि साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को एजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है।
स्वामी का कहना है कि हेराल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी, इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। जबकि गांधी परिवार ने दलील दी थी कि उन्हें बेवजह प्रताड़ित करने के मकसद से अदालत के समक्ष याचिका लगाई गई है। जिन दस्तावेजों की स्वामी मांग कर रहे हैं वह कांग्रेस पार्टी और एजेएल के गोपनीय दस्तावेज हैं। यह दस्तावेज स्वामी को नहीं दिए जाने चाहिए।