मुजफ्फरनगर। महावीर चौक स्थित केंद्रीय विद्यालय में बुधवार को मानसिक स्वास्थ्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में मनोचिकित्सक डॉ. अर्पण जैन ने स्कूली बच्चों को पढ़ाई का तनाव न लेने और बुरी आदतों से दूर रहने के लिए प्रेरित किया। गोष्ठी में कम्युनिटी नर्स कपिल आत्रेय, क्लीनिकल फिजियोलॉजिस्ट अंशिका मलिक, स्कूल के प्रधानाचार्य ब्रिजेश सिंह समेत स्कूली बच्चे मौजूद रहे।
मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत कुमार ने बताया मानसिक स्वास्थ्य को लेकर आमतौर पर लोग जागरूक नहीं हैं। बदलते परिवेश में मानसिक रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। अवसाद समेत कई मानसिक रोगों के शिकार लोग, समाज और परिवार में उपेक्षित रहते हैं। ऐसे रोगियों को डॉक्टर और दवा की जरूरत होती है। इस बात को समझने में देरी की जाती है। खासकर ग्रामीण इलाके में तो इसे बीमारी माना ही नहीं जाता है, बल्कि अंधविश्वास में लोग झाड़फूंक या तांत्रिक के चक्कर में फंस जाते हैं। इसके लिए लोगों को जागरूक करना जरूरी है।
मनोचिकित्सक डॉ. अर्पण जैन ने बताया- विद्यार्थियों को भी समय के साथ जागरूक होने की जरूरत है, हमें ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे दूसरों को परेशानी हो। नशे से छात्र-छात्राओं को दूर रहना चाहिए और अच्छे काम पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने छात्र-छात्राओं को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करते हुए कहा – मानसिक रोग भी अन्य रोगों की तरह ही है जो ठीक हो सकते हैं। हर मानसिक रोगी पागल नहीं होता, कई रोगी तो महज काउसलिंग से ही ठीक हो जाते हैं, उन्हें दवा की भी जरूरत नहीं होती है। मानसिक रोगी का इलाज लंबा चलता है। उन्होंने कहा – प्रशिक्षण के कारण लोगों में मानसिक रोगों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। इसके प्रति ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा – अगर किसी छात्र-छात्रा को किसी वजह से कोई परेशानी हो रही है और मानसिक तनाव है तो सबसे पहले वह अपने अभिभावक को बताए। यदि फिर भी समाधान न निकल सके तो जिला अस्पताल की ओपीडी में आकर परामर्श करे।
डॉ. अर्पण जैन ने मानसिक बीमारियों, उनके लक्षणों, कारण, बचाव आदि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया अच्छे आहार, योग, व्यायाम, अच्छी नींद से काफी हद तक मानसिक बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा आज हर घर में कोई न कोई किसी न किसी कारण तनाव में है। तनाव में रहने से समस्याएं बढ़ती हैं। समस्या बहुत साधारण स्तर से शुरू होकर बाद में जटिल मानसिक रोग/पागलपन का रूप ले लेती है। ऐसी समस्याओं को प्राथमिक स्तर पर काउंसलिंग या योग के माध्यम से आसानी से दूर किया जा सकता है। मानसिक रोगों से बचने के लिए हमें जीवन शैली में सुधार लाने और नियमित रूप से योग को अपनाने की जरूरत है।
स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया – बच्चे पढ़ाई को बोझ समझकर न पढ़ें बल्कि मन लगाकर पढ़ें और बुरी आदतों से दूर रहे। तभी उनका भविष्य उज्ज्वल होगा।
यह लक्षण दिखें तो कराएं इलाज
नींद न आना, तनाव, घबराहट, जीवन के प्रति निराशा, डर लगना, व्यवहार में अचानक परिवर्तन आना आदि मानसिक रोग के लक्षण है। इनका चेकअप कराकर इलाज अवश्य कराएं। जिला अस्पताल में इसका इलाज उपलब्ध है।