हरिद्वार। पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश मैदानी क्षेत्रों के लिए आफत बनती जा रही है। रविवार देर शाम एक बार फिर गंगा नदी उफान पर आ गई। बारिश के कारण श्रीनगर डैम से छोड़े गए पानी के चलते हरिद्वार और ऋषिकेश में हालात विकट हो गए हैं। ऋषिकेश के साथ ही शाम सात बजे तक हरिद्वार में गंगा ने चेतावनी स्तर को पार कर लिया और वह खतरे के निशान के करीब बह रही है। गंगा के तेज बहाव के कारण हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज का एक गेट क्षतिग्रस्त हो गया है।
हरिद्वार में गंगा का 293 मीटर चेतावनी लेवल माना गया है। वहीं 294 मीटर को खतरे का निशान माना जाता है। भीमगोड़ा बैराज से मिली रिपोर्ट के अनुसार शाम सात बजे गंगा का जलस्तर 293.15 पर था। गंगा के उफान पर आते ही हरिद्वार जिला प्रशासन व आपदा प्रबंधन महकमा अलर्ट मोड में आ गया है। लक्सर तथा खानपुर ब्लॉक के दो दर्जन से ज्यादा गांव में खतरे की मुनादी कराई गई है।
भीमगोड़ा बैराज के एसडीओ शिवकुमार कौशिक ने बताया कि टिहरी डैम से अतिरिक्त 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके कारण गंगा उफान पर है। भीमगोड़ा बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पानी के तेज प्रवाह के चलते गेट नंबर 10 क्षतिग्रस्त हो गया है। मगर उससे कोई खास परेशानी नहीं है। उन्होंने बताया कि गंगा इस समय चेतावनी निशान से ऊपर और खतरे के निशान के करीब बह रही है।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पूर्व लक्सर में सोलानी नदी तबाही मचा चुकी है। इससे आज भी लक्सर के कई गांव जलमग्न हैं तथा रेल यातायात बाधित है। जिला प्रशासन व उनकी टीमें दिन-रात मेहनत कर राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
दूसरी ओर ऋषिकेश में भी गंगा ने चेतावनी स्तर को पार कर लिया है। देर शाम त्रिवेणी घाट पर पानी ही पानी नजर आया। परमार्थ निकेतन में शिव प्रतिमा तक पानी पहुंच गया है। ऐसे में स्थानीय पुलिस ने सभी लोगों को घाट से दूर रहने की अपील की है।