चंडीगढ़। नूंह हिंसा मामले में कांग्रेस विधायक मामन खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 अक्टूबर तय की है। वहीं, विधायक को अपने बचाव के लिए निचली कोर्ट में जाने के निर्देश दिए हैं।
नूंह हिंसा के मामले में जांच कर रही हरियाणा पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम दो बार विधायक को नोटिस दे चुकी है, लेकिन वह अभी तक एक बार भी पूछताछ में शामिल नहीं हुए हैं। गिरफ्तारी के संदेह को देखते हुए मामन खान ने 11 सितंबर को अपने वकील के माध्यम से हाई कोर्ट की रजिस्ट्री में याचिका दायर की थी। इस पर कुछ आपत्तियां बताई गई, जिन्हें दूर करने के बाद बुधवार को रजिस्ट्री में मामन खान की याचिका स्वीकार हो गई।
गुरुवार को इस केस की सुनवाई के दौरान मामन खान के वकीलों ने हाई कोर्ट में सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए सुरक्षा की मांग की है। नूंह जिले में 31 जुलाई को हुई हिंसा की घटनाओं के बाद दर्ज मामलों की जांच के लिए एक हाई लेवल स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित करने की भी मांग की है।
कोर्ट ने उन्हें आदेश दिया है कि वह गिरफ़्तारी से बचाव पर कानूनी विकल्पों को तलाशने व आरोप पर बेल कराने के लिए निचली कोर्ट का सहारा लें। हाई कोर्ट की इस टिप्पणी से साफ हो गया है कि कोर्ट मामन खान की जमानत याचिका को सीधे सुनने के लिए तैयार नहीं है।