गाजियाबाद। गाजियाबाद पुलिस ने ज्वेलरी शॉप से जूलरी चोरी करने वाले एक गैंग का खुलासा किया है और तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें 50 साल की एक महिला भी शामिल है, जो इस गैंग की सरगना है। यह महिला 31 साल से दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ज्वेलरी शॉप से जूलरी चोरी करने का काम कर रही हैं। इस दौरान यह करीब चार बार जेल भी जा चुकी है और पांचवीं बार पकड़ी गई है।
गाजियाबाद पुलिस ने बुधवार को ज्वेलरी चोरी के एक गैंग को पकड़ा। पूछताछ में पता चला कि इस गैंग की सरगना 50 साल की खातून है, जो पिछले 31 साल से चोरी की वारदातों को अंजाम दे रही। इस गैंग के मर्द रेकी करते हैं, जबकि महिलाएं ज्वेलरी शॉप में कस्टमर बनकर जाती हैं और ज्वेलरी चुरा लेती हैं।
खातून ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अनगिनत वारदातों को अंजाम दिया। चोरी के लिए ये टार्गेट सेट करते थे। गाजियाबाद पुलिस के अपर पुलिस उपायुक्त (क्राइम) सच्चिदानंद ने बताया, “क्राइम ब्रांच टीम ने बुधवार शाम को गाजियाबाद में नंदग्राम कट मेरठ रोड से तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान 52 वर्षीय कौशर उर्फ रवि, इसकी सरगना 50 वर्षीय पत्नी खातून और एक अन्य नौशाद के रूप में हुई। तीनों गाजियाबाद के रहने वाले हैं। पुलिस को इनसे कुछ ज्वेलरी मिली।
पूछताछ में सामने आया कि इसको अलग-अलग दुकानों से चोरी किया गया था। पुलिस के मुताबिक, नंदग्राम इलाके के दीनदयालपुरी स्थित सोनी ज्वैलर्स के यहां पिछले दिनों खातून कस्टमर बनकर गई थी। जेवर देखने के बहाने उसने ज्वैलरी चुराई । ये घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी। उसी चोरी की ज्वेलरी खातून से रिकवर हुई। इस गैंग ने दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, हरिद्वार में तमाम घटनाएं स्वीकार कर ली हैं। पुलिस सभी कारोबारियों से संपर्क कर रही है। खातून ज्वेलरी चुराते हुए सीसीटीवी में कैद हुई थी। इसके बाद गाजियाबाद पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की और वो पकड़ी गई।
एडीसीपी (क्राइम) सच्चिदानंद ने बताया- कौशर, नौशाद और नाजिम शहरों में घूमकर ऐसी ज्वेलरी शॉप तलाशते हैं, जो छोटी हैं और उन पर एक ही दुकानदार बैठता हो। इसके बाद खातून और उसके गैंग की महिलाएं कस्टमर बनकर उस शॉप पर जाती हैं। तरह-तरह की ज्वेलरी मंगवाकर काउंटर पर रखकर दुकानदार को बातों में उलझा लेती हैं। इसके बाद गैंग की कोई भी महिला मौका मिलते ही ज्वेलरी चुरा लेती है।
कई बार ये महिलाएं ज्वेलरी पसंद नहीं आने की बात कहकर दुकान से निकल जाती हैं और कई बार इन्हें मजबूरी में मामूली ज्वेलरी खरीदनी भी पड़ जाती है। चोरी के जेवरातों को ये गैंग दिल्ली के सीलमपुर में सर्राफ सतीश और गाजियाबाद के कैला भट्टा में सर्राफ आस मोहम्मद के यहां सस्ते दाम पर बेच देता है। इसके बाद गैंग के सातों मेंबर बराबर-बराबर पैसा बांट लेते हैं।