नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 10 अलग-अलग मंत्रालयों के सचिवों को अग्निपथ योजना की समीक्षा का कार्य सौंपा है। सचिवों का यह समूह अग्निपथ योजना के जरिए सैनिकों की भर्ती को और अधिक आकर्षक बनाने के तरीके सुझाएगा। इस पहल के जरिए यदि अग्निपथ योजना में कोई कमी हो तो उसे भी दूर किया जा सकता है।
गौरतलब है कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में अग्निवीरों को भर्ती किया जाता है। यह भर्ती चार साल के लिए होती है। इस दौरान नियमित वेतन के अलावा चार वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर अग्निवीर सैनिकों को लगभग 12 लाख रुपए मिलते हैं। एक निश्चित संख्या में अग्निवीरों को स्थायी सेवा का अवसर भी मिलता है। अब इस योजना की समीक्षा की जा रही है। इसमें कई नए सुधार और नए पहलू जोड़े जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि शीघ्र ही सचिवों का यह समूह अपनी रिपोर्ट सरकार को देगा। प्रधानमंत्री इन दिनों ‘जी-7 शिखर सम्मेलन’ में हैं।
प्रधानमंत्री के वापस स्वदेश लौटने पर उनके समक्ष सचिवों के पैनल की रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सकती है। माना जा रहा है सचिवों का समूह अग्निपथ योजना के अंतर्गत वेतन भत्तों में बढ़ोतरी वह कुछ अन्य लाभ बढ़ाने का प्रस्ताव दे सकता है। हालांकि अभी इस संबंध में कोई भी औपचारिक या अनौपचारिक विचार सामने नहीं आया है। यह महत्वपूर्ण समीक्षा सरकार के प्रथम 100 दिवसीय एजेंडे में शामिल है। जानकारी के मुताबिक, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों का यह समूह 15-16 जून तक इस संबंध में अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा। भारत सरकार के ये वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रधानमंत्री कार्यालय में एक अपनी रिपोर्ट के आधार पर विस्तृत प्रस्तुति देंगे।
फिलहाल प्रधानमंत्री कार्यालय में यह प्रस्तुति कब दी जाएगी, इसकी तिथि निश्चित नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि अगले सप्ताह तक सचिवों का यह समूह अपना विवरण प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष पेश कर सकता है। इस विषय पर कोई भी निर्णय लेने से पहले व्यापक स्तर पर विचार विमर्श किया जाएगा। राज्यों व विभिन्न हितधारकों से परामर्श व फीडबैक लिया जा सकता है। पूरी प्रक्रिया हो जाने के उपरांत ही प्रधानमंत्री कार्यालय इस योजना से जुड़े बदलावों पर कोई अंतिम निर्णय करेगा। उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने भी अग्निपथ योजना की समीक्षा का कार्य शुरू किया है।
जानकारी के मुताबिक इस पूरी प्रक्रिया पर सेना एक आंतरिक मूल्यांकन कर रही है। सरकार ने भारतीय सशस्त्र बलों में जवानों की अल्पकालिक भर्ती के लिए जून 2022 में अग्निपथ योजना शुरू की थी। अग्निवीर योजना शुरुआत से ही विपक्ष के निशाने पर रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष द्वारा इसे व्यापक स्तर पर उठाया गया। उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल, हरियाणा व राजस्थान जैसे कई राज्य ऐसे हैं जहां सेना में भर्ती होने वाले युवकों की संख्या अच्छी खासी है। यही कारण है कि चुनाव उपरांत एनडीए के कुछ घटक दलों व उनके नेताओं ने भी अग्निपथ योजना की समीक्षा किए जाने की बात कही थी।