नई दिल्ली। अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के जरिए अडाणी ग्रुप ने एक बार फिर अमेरिका के डॉलर बेस्ड बॉन्ड मार्केट में वापसी कर ली है। अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड 20 साल की अवधि वाले ग्रीन नोट्स (बॉन्ड्स) की बिक्री कर रही है। इन बॉन्ड्स की बिक्री से मिले पैसे का इस्तेमाल पहले से लिए गए उन कर्जों के निपटारे में किया जाएगा, जिनका भुगतान डॉलर में करने की शर्त है। यानी अडाणी ग्रीन एनर्जी ने पहले से विदेशी मुद्रा में जो कर्ज लिए हैं, उनका निपटारा बॉन्ड से मिली राशि के जरिए किया जाएगा।
बता दें कि अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के ग्रीन नोट्स को ऐसे समय में बिक्री के लिए लॉन्च किया गया है, जब अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज भी 50 करोड़ डॉलर जुटाने की योजना पर काम कर रही है। बताया जा रहा है कि अडाणी ग्रुप फरवरी 2025 के अंत तक लगभग 1.5 अरब डॉलर के बॉन्ड अमेरिका के बॉन्ड बाजार में बेच सकता है। इसमें मुख्य रूप से अडाणी ग्रीन एनर्जी के अलावा अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड की ओर से बॉन्ड्स पेश किए जाएंगे।
माना जा रहा है कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से लगे झटके के बाद अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने ग्रीन नोट्स को लॉन्च करके अमेरिकी बाजार में अपनी दमदार वापसी कर ली है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से 2023 में अडाणी ग्रुप को काफी झटका लगा था। इस रिपोर्ट के कारण बने निगेटिव माहौल की वजह से अडाणी ग्रुप के मार्केट केपीटलाइजेशन में भी बड़ी गिरावट आई थी। हिंडनबर्ग रिसर्च ने बाद में भी अडाणी ग्रुप पर अलग अलग आरोप लगाए। हालांकि हिंडनबर्ग के ये आरोप अडाणी ग्रुप की चाल को 2023 की पहली रिपोर्ट की तरह अधिक प्रभावित नहीं कर सके।
हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए आरोपों को अडाणी ग्रुप ने न केवल हर बार गलत बताया, बल्कि निवेशकों का भरोसा कायम करने के लिए अपने कर्ज में भी कमी की। इसके साथ ही ग्रुप अपनी अन्य परियोजनाओं को लेकर भी आक्रामक तरीके से आगे बढ़ा और इनके बारे में सारी जानकारियां अपने निवेशकों के साथ साझा की।