Sunday, February 23, 2025

अडानी-हिंडनबर्ग विवाद: सुप्रीमकोर्ट सेबी को जांच के लिए 3 महीने का देगी और समय, सोमवार को होगी सुनवाई

नयी दिल्ली- उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि अडानी समूह की कंपनियों को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट से जुड़े विवाद की जांच पूरी करने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से और समय देने के आवेदन पर आदेश पारित करने के वास्ते मामले की सुनवाई सोमवार को होगी।

शीर्ष अदालत ने संकेत दिया कि वह सेबी को अपनी जांच पूरी करने के लिए तीन महीने का और समय दे सकती है।

मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने यह भी कहा कि उसे उसके द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे समिति की रिपोर्ट मिल गई है, लेकिन समयाभाव के कारण वह उस रिपोर्ट को नहीं पढ़ सकी, इसलिए इस मामले (अतिरिक्त समय देने) पर सोमवार को विचार किया जाएगा।

शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान श्री मेहता को संकेत दिया कि वह (आपको) सेबी को तीन महीने का समय देगी और मामले पर विचार के लिए 14 अगस्त का तारीख तय करेगी।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सेबी का पक्ष रख रहे श्री मेहता से कहा, “आप तीन महीने में अपनी जांच पूरी करें और हमारे पास वापस आएं, क्योंकि कुछ तत्परता होनी चाहिए। हम यह नहीं कह सकते कि आपको कम से कम छह महीने की जरूरत है।”

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सेबी को छह महीने के अतिरिक्त समय की याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि उन्हें (सेबी को) अब तक की गई जांच की जानकारी अदालत को देनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, “इस मामले पर अब तक क्या जांच हुई है, क्योंकि हिंडनबर्ग पहली बार ये आरोप नहीं लगा रहा था।”

पीठ ने उनके तर्क से असहमति जताते हुए कहा, “मान लीजिए कि वे हमें बताते हैं कि उन्होंने जांच में अब तक क्या सीखा है, तो उन्हें इसका खुलासा करने के लिए कहने से उनकी जांच प्रभावित होगी। यह एक आपराधिक जांच नहीं है कि हम केस डायरी को देख रहे हैं। यह इस चरण में उचित नहीं होगा।”

श्री मेहता ने आगे कहा, “मैंने सर्वोच्च प्रशासनिक स्तर से निर्देश लिया है। छह महीने भी एक संकुचित अवधि होती है और मैं इसे कुछ हद तक ईमानदारी के साथ कह रहा हूं। मैं किसी चीज का वादा नहीं करूंगा, जो हम भी जानते हैं कि कुछ हासिल नहीं किया जा सकता है।

सेबी ने अडानी समूह द्वारा “स्टॉक हेरफेर” के हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए 29 अप्रैल को छह महीने के विस्तार की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

शीर्ष अदालत ने दो मार्च को पारित अपने एक आदेश में दो मई को एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा निर्धारित की थी, जबकि सेबी को तेजी से जांच पूरी करने और स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था।

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