मेरठ। बच्चा चोर गैंग का जाल पश्चिम यूपी और दिल्ली से लेकर कई राज्यों में फैला है। गैंग में 10 से ज्यादा लोग शामिल हैं, जो बच्चों के फोटो दिखाकर सौदा करते थे। अस्पताल के नर्स और डाक्टर के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। सभी आरोपियों से पुलिस पूछताछ करने में जुटी हुई है। दिल्ली के एक निसंतान दंपती को दो महीने के बच्चे तनुज को बेचा जाना था।
हरिद्वार ज्वालापुर की रहने वाली राधिका ने पुलिस को बताया कि दिल्ली की रहने वाली सीमा बच्चों की खरीद फरोख्त का काम करती है। राधिका की दोस्ती अंकिता की भाभी के साथ पिछले पांच साल से है। अंकिता के घर पर रात को राधिका पहुंची थी। उसने अंकिता के दो माह के बच्चे को देखते ही सीमा से बातचीत की, व्हाट्सएप पर बच्चे की फोटो मांगी।
राधिका ने सीमा और दो अन्य लोगों के व्हाट्सएप पर बच्चे की फोटो भेज दी। बच्चे की कीमत दो लाख रुपये लगा दी गई। उसके बाद राधिका लालकुर्ती पैठ बाजार में बच्चे के कपड़े दिलाने के लिए अंकिता को बहला फुसला ले गई। वहां से बच्चा चोरी करने के बाद मुजफ्फरनगर अपनी बहन अनीता के घर चली गई। अनीता ने बच्चे को जानसठ की महिला को देती, जो उसे दिल्ली सीमा के पास देती।
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि राधिका, अनिता, अन्नू, अन्नू का पति यूसुफ और दिल्ली की रहने वाली सीमा बच्चा चोरी करके बेचने का काम करते है। रात में पुलिस ने दिल्ली से यूसुफ को गिरफ्तार कर लिया। सीमा की तलाश की जा रही है।
राधिका और अनिता का मोबाइल पुलिस ने जब कब्जे में लिया सामने आया कि कई लाेगों को बच्चे की फोटो व्हाट्सएप के जरिए भेजी गई थी। दिल्ली के एक युवक को बच्चा शुक्रवार रात को पहुंचाया जाना था। रात को बच्चे को दो लाख में बेचने की तैयारी थी। मुजफ्फरनगर पुलिस की मदद से लालकुर्ती पुलिस ने समय रहते बच्चे को बरामद कर लिया अन्यथा बच्चा फिर हाथ नहीं आता।
पुलिस से बचने के लिए राधिका और अनिता ने व्हाट्सएप कॉल और चैटिंग भी की। जिससे कि पकड़ में न आ सके।