कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इस हिंसा को सुनियोजित और सांप्रदायिक करार देते हुए कहा कि जिस प्रकार कश्मीर के पहलगाम में चुन-चुनकर हिंदुओं को मारा गया था, ठीक उसी तरह अब मुर्शिदाबाद में भी हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। सवाल यह है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हृदय में आखिर कब ममता जागेगी? इस पर भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने भी टिप्पणी की। समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में अग्निमित्रा पॉल ने ममता बनर्जी पर कटाक्ष किया।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री का नाम अब “निर्ममता” बन गया है। 15 वर्षों तक सीएम रहने के बाद भी ममता बनर्जी को अपने परिवार के अलावा किसी से कोई प्रेम नहीं है। अगर उनमें सच्ची ममता होती, तो मुर्शिदाबाद के हिंदू रिफ्यूजी नहीं बनते। मुर्शिदाबाद में 600 से अधिक हिंदू घरों को जला दिया गया। भाई हरगोविंद दास और चंदन दास की हत्या कर दी गई, हर रोज कोई न कोई हिंसक घटना घट रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी अयोग्य लोगों को संरक्षण देती हैं और योग्य शिक्षकों को दरकिनार कर रही हैं। ममता बनर्जी में अब ममता नहीं बची है। वह केवल लोगों का उपयोग करना जानती हैं। आज ममता निर्ममता की प्रतीक बन चुकी हैं। मुर्शिदाबाद हिंसा पर अदालत की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि इसमें टीएमसी के काउंसलर महबूब आलम का नाम सामने आया है। उन्होंने सवाल किया कि अगर दंगा महबूब आलम ने करवाया और वह टीएमसी से है, तो इसका जिम्मेदार कौन है? अग्निमित्रा पॉल ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि घटना के दौरान चार घंटे तक पुलिस नहीं पहुंची और जब पहुंची भी तो मूकदर्शक बनी रही। पॉल ने मांग की कि इस मामले की जांच सीबीआई या एनआईए से कराई जाए। सीएम ममता से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि चार घंटे की देरी से पुलिस किसके निर्देश पर पहुंची? ममता बनर्जी को इसका जवाब देना चाहिए।