Sunday, November 17, 2024

भारत में कैंपस स्थापित कर सकती अमेरिका की जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी

नई दिल्ली। अमेरिका की प्रसिद्ध जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी भारत में अपना कैंपस स्थापित कर सकती है। रविवार को मैरीलैंड के बाल्टीमोर स्थित जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी (जेएचयू) के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष रोनाल्ड जे. डेनियल के नेतृत्व में भारत आए इस उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल में जेएचयू की आंतरिक इकाई, गुप्ता क्लिंस्की इंडिया इंस्टीट्यूट (जीकेआईआई) के अधिकारी भी शामिल थे। इस मुलाकात का उद्देश्य अनुसंधान, शिक्षा, नीति और व्यवहार के माध्यम से जेएचयू समुदाय को भारतीय भागीदारों के साथ जोड़ना है।

इस महत्वपूर्ण बैठक में उच्चतर शिक्षा सचिव के. संजय मूर्ति, शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। अमेरिकी यूनिवर्सिटी के साथ इस मुलाकात में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) द्वारा आए परिवर्तनकारी अवसरों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि इससे भारत में शिक्षा क्षेत्र की उन्नति का मार्ग प्रशस्त हुआ है। शिक्षा मंत्री ने भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ मजबूत साझेदारी बनाने, ज्ञान के वैश्विक आदान-प्रदान में योगदान देने के लिए यूनिवर्सिटी की प्रशंसा की। शिक्षा मंत्री ने विशेष रूप से दोहरे और संयुक्त डिग्री कार्यक्रमों, छात्रों और शिक्षकों की दो-तरफा निर्बाध गतिशीलता, डेटा विज्ञान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और भविष्य की तकनीकों जैसे उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान साझेदारी की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये सहयोग दोनों देशों के छात्रों के बीच नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने की क्षमता बढ़ाएंगे। यह चर्चा जेएचयू और उच्च शिक्षा के अग्रणी भारतीय संस्थानों के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग को मजबूत करने पर भी केंद्रित रही।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, प्रतिनिधिमंडल ने भारत में जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी कैंपस स्थापित करने पर सक्रिय रूप से चर्चा की। मंत्रालय का कहना है कि डेनियल और उनकी टीम की यात्रा भारत-अमेरिका शैक्षिक सहयोग के महत्व पर प्रकाश डालती है। अमेरिकी यूनिवर्सिटी का यह प्रतिनिधिमंडल विभिन्न भारतीय विश्वविद्यालय परिसरों का दौरा करेगा।

इसके साथ ही यह प्रतिनिधिमंडल भारत में जेएचयू की गतिविधियों को मजबूत करने के प्रयासों में सरकार के प्रमुख अधिकारियों, शिक्षाविदों और कांसुलर प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेगा। जेएचयू के भारतीय मूल के प्रमुख फैकल्टी सदस्यों जैसे कि बाल चिकित्सा एवं अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य के प्रोफेसर माथुराम संतोष और मेडिसिन के प्रोफेसर तथा नेफ्रोलॉजी प्रभाग के निदेशक चिराग पारीख ने भी इसमें भाग लिया। प्रतिनिधिमंडल में जीकेआईआई के अधिकारी और इसके सलाहकार बोर्ड के सदस्य राज और कमला गुप्ता, दीपक राज, कुणाल पाल और नीतिशा बेसरा भी शामिल थे।

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