जम्मू। लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के पलौरा में मंगलवार को एक जनसभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 साल के कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। एक जमाना था, जब ऐसे जलसे की कल्पना ही नहीं कर सकते थे। पथराव होता था, गोलीबारी होती थी, बम धमाके होते थे, पाकिस्तान से हड़ताल का ऐलान किया जाता था और आर्टिकल 370 का साया पूरे जम्मू-कश्मीर पर छाया था।
अमित शाह ने कहा, आज आर्टिकल 370 समाप्त हो गई है, आतंकवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है और जो युवा पथराव कर रहे थे, उन युवाओं के हाथ में पत्थर की जगह लैपटॉप है।
इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर जोरदार हमला बोला।
अमित शाह ने कहा कि एनसी-पीडीपी वाले हमारे गुर्जर भाइयों को भड़काते थे कि भाजपा आपका आरक्षण काट देगी। मैंने संसद में कहा था कि हमारे गुर्जर भाइयों का एक प्रतिशत आरक्षण काटे बगैर हमारे पहाड़ी भाइयों को आरक्षण दिया जाएगा। मुझे आनंद है कि मोदी सरकार में गुर्जर, पहाड़ी, बकरवाल, ओबीसी और महिला सबको आरक्षण देने का काम भाजपा ने किया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने आगे पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि महबूबा मुफ्ती कहती थीं कि अगर धारा-370 हटेगी तो तिरंगे को कोई कंधा देने वाला नहीं होगा। महबूबा मुफ्ती, आप और मैं तो चले जाएंगे। लेकिन तिरंगा तो अजर है, अमर है, हमेशा रहने वाला है। फारूक अब्दुल्ला कहते थे कि नरेंद्र मोदी 10 बार प्रधानमंत्री बन जाएं, लेकिन आर्टिकल 370 नहीं हटा सकते। 10 बार छोड़ो फारूक साहब, दूसरी बार में ही जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटा दी गई।
अमित शाह ने कहा कि मैं आया हूं तब जब नवरात्रि चल रहे हैं। सबसे पहले माता वैष्णो देवी को प्रणाम कर अपनी बात की शुरुआत करना चाहता हूं। बहुत कठिन दौर से संघर्ष कर भाजपा के नेता जम्मू-कश्मीर की कश्ती को बाहर निकाल कर लाए हैं। जम्मू में पैर रखते ही भाजपा कार्यकर्ता के रोंगटे खड़े हो जाते हैं, ये याद करके कि भाजपा के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने यहीं बलिदान दिया था। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नारा दिया था, ‘एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेगा’। मैं जब 2014 में यहां आया था तब ये नारा मांग के रूप में बुलाते थे और आज ये नारा गर्व के साथ हम सिद्धी के रूप में बोल रहे हैं। क्योंकि आज जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 समाप्त हो गया है। पूरे देश की तरह जम्मू-कश्मीर में भी आन-बान-शान के साथ हमारा तिरंगा गगन को छू रहा है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जो बलिदान दिया, प्रेमनाथ डोगरा ने जो आंदोलन किया, वो बलिदान, वो आंदोलन आज परवान चढ़ता हुआ हम देख रहे हैं। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को समाप्त कर दिया।