गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गया में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए विरोधियों के संविधान बदलने का डर दिखाने वालों पर जमकर सियासी हमला बोला। उन्होंने विरोधियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आपके लिए संविधान राजनीति करने का हथकंडा हो सकता है लेकिन मेरे लिए आस्था और श्रद्धा है।
उन्होंने कहा कि जो लोग संविधान को चुनावी हथियार बनाना चाहते हैं, वो समझ लें कि जिस तरह आपने नैरेटिव सेट किए हैं, बीते 25-30 साल से पुराने रिकॉर्ड घुमा रहे हैं, वे झूठ फैलाते हैं। लिखकर रख लीजिए भाजपा और मोदी क्या खुद भीमराव अंबेडकर जी आ जाएं तो वे भी संविधान को नहीं बदल सकते।
उन्होंने कहा कि देश के महान लोगों ने संविधान का निर्माण किया है, जो लोग सनातन को गाली देते हैं, वह भी सुन लें कि ये संविधान बनाने के लिए संविधान सभा में 80 से 90 फीसदी से ज्यादा सभी सनातनी थे। उन सभी ने बाबा साहेब आंबेडकर का साथ दिया था।
उन्होंने कहा कि पिछले 30 साल से अनेक राज्यों में हमारी सरकार है। इस देश को सबसे ज्यादा शांति का समय हमारे कालखंड में मिला है। ये लोग कहते थे, भाजपा वाले पुराणपंथी लोग हैं, हमने दिखा दिया कि चंद्रयान पर जाने की ताकत किसमें है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान को हथियार के रूप में नहीं बल्कि श्रद्धा के तौर पर लिया जाना चाहिए। लेकिन कुछ लोगों ने संविधान का राजनीतिकरण करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ये प्रस्ताव लाई कि देश में संविधान दिवस बनाना चाहिए, तब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसका विरोध किया था।
उन्होंने कहा था कि 26 जनवरी तो है ही, संविधान सभा की क्या जरूरत? हमने संविधान को हर स्कूल में पढ़ाने की कोशिश की।
सोमवार को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा था कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार संविधान बदलने और समाप्त करने का दावा कर रहे हैं। लेकिन, प्रधानमंत्री और इनके शीर्ष नेता इन पर कुछ कार्रवाई करने के बजाय इसके बदले उन्हें इनाम स्वरूप चुनाव लड़वा रहे हैं। लालू ने कहा था कि संविधान की तरफ आंख उठाकर भी देखा तो इस देश के दलित, पिछड़ा और गरीब लोग मिलकर इनकी आंख निकाल लेंगे। पीएम मोदी ने मंगलवार को गया में इसी का करारा जवाब दिया है।