शामली। जनपद शामली के कांधला थाना क्षेत्र के कस्बा कांधला की नगरपालिका में एंटी करप्शन टीम ने ₹50000 की रिश्वत लेते हुए लिपिक को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया लिपिक नगर पालिका के ईओ के कहने पर रिश्वत के रुपये लेता हुआ गिरफ्तार हुआ है। वहीं आरोपी ईओ मौके से फरार है।जनपद के सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की पोल अब खुलती नजर आ रही है। पहले शिक्षा विभाग फिर जिला विकास अधिकारी और अब नगर पालिका से ऐसे मामले सामने आया है। हालांकि एंटी करप्शन टीम ने एक-एक आरोपी सभी मामलों में गिरफ्तार किया है। जबकि उच्च अधिकारी आज तक पुलिस और एंटी करप्शन टीम भी गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
आपको बता दें कि शामली में भ्रष्टाचार की पोल अब खुलती नजर आ रही है जहा पहले बेशिक शिक्षा विभाग लिपिक को, फिर जिला विकास अधिकारीके ऑफिस से लिपिक को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।जबकि इन दोनों मामलों में अभी भी जिला विकास अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी के नाम दर्ज मुकदमा पंजीकृत करने के बाद भी आज तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। वहीं एक ऐसा ही मामला शामली के कांधला थाना क्षेत्र के कांधला नगर पालिका में देखने को मिला है। जहां पीड़ित ठेकेदार के द्वारा ठेके के पैसे की रकम लेने के मामले में नगर पालिका ईओ और लिपिक ने उसे ₹50000 की रिश्वत की मांग की थी।वही इस मामले में उसने एंटी करप्शन टीम को शिकायत की थी। एंटी करप्शन टीम की दिशा निर्देश पर शुक्रवार को रिश्वत के रुपये दिए। जहां आरोपी ईओ के कहने पर लिपिक को ₹50000 की रिश्वत दी गई और फिर रंगे हाथ एंटी करप्शन टीम ने लिपिक अकरम को रंगे हाथ रिश्वत के साथ गिरफ्तार कर लिया। जबकि मुख्य आरोपी ईओ फरार है।
जनपद में जहां सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की पोल खुल रही है, वहीं केवल लिपिक की गिरफ्तारी और उच्च अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर भी अब सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। वही इस मामले में ठेकेदार कपिल सिंह का कहना है लगभग 1 साल पहले ठेकेदारी के अंदर दिए गए कार्य को पूरा कर लिया था। तब से मैं अपने रूपयो की मांग कर रहा था। उस मामले में जब बार-बार पैसे न देने पर, मैंने दूसरे ठेकेदारों से बात की तो उनके सभी का पेमेंट समय अनुसार किया जा रहा था। जब मेरे से रिश्वत मांगी गई तो मैं एंटी करप्शन टीम से सहारनपुर जाकर संपर्क किया और उन्हें ₹50000 देते हुए आज एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ लिपिक अकरम को गिरफ्तार कर लिया। जबकि ईओ अभी फरार है। ईओ के कहने पर ही मैं अकरम को ₹50000 दिए थे। वहीं अब एंटी करप्शन टीम के द्वारा दी गई शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।