ठाणे। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के काफिले पर हुए हमले के मामले में पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की है जिनमें कुल 44 लोगों पर आरोप लगाये गये हैं। इस मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के ठाणे जिलाध्यक्ष अविनाश जाधव मुख्य आरोपी हैं। आरोप है कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के काफिले पर गोबर से हमला करने के लिए मनसे कार्यकर्ताओं को उकसाया था। पुलिस ने मनसे के कार्यकर्ता प्रीतेश मोरे, आकाश पवार, अरुण जेटलू, मनोज चव्हाण को आरोपी बनाया है।
पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आरोपियों में 32 महिला मनसे कार्यकर्ता और 12 पुरुष मनसे कार्यकर्ता शामिल हैं। दरअसल, पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के काफिले पर मनसे के कुछ कार्यकर्ताओं ने गोबर से हमला किया था। उन्होंने चूड़ियां फेंकी और टमाटर भी फेंके थे। इस घटना को लेकर शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाए। पार्टी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री से इस्तीफे की मांग की है। गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी फिलहाल उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास है।
उन्होंने कहा, “राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। सीएम एकनाथ शिंदे के गृह जिले में ऐसे हमले होते हैं, तो इससे साफ होता है कि इसकी सुपारी ली गई है। पहले लोग कहते थे कि राज ठाकरे और उनकी पार्टी सुपारीबाज है। जिस तरह हमारे नेता उद्धव ठाकरे के काफिले पर ठाणे में हमला हुआ है, अब यकीन हो गया। यह बहुत ही शर्मनाक है। एकनाथ शिंदे की सरकार पूरी तरह से फेल है। देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा देना चाहिए।” इससे पहले मनसे ने उद्धव ठाकरे पर हुए हमले की जिम्मेदारी स्वीकार की थी।
मनसे के ठाणे-पालघर के जिलाध्यक्ष अविनाश जाधव ने कहा था, “कुछ शिवसैनिकों ने राज ठाकरे की गाड़ी के सामने आंदोलन करने की कोशिश की थी। उसी का मनसे ने जवाब दिया है। हमारे कार्यकर्ताओं ने 15 से अधिक गाड़ियों पर गोबर फेंका है। अगर कोई शिवसैनिक राज ठाकरे के खिलाफ जाएगा तो उनको ऐसा ही करारा जवाब दिया जाएगा। और उन्हें घर में घुसकर पीटा जाएगा।”