नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने दोस्त की नाबालिग बेटी के साथ रेप करने के आरोपित दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा की बेटी की गिरफ्तारी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है, लेकिन खाखा के बेटे को कोई भी राहत देने से फिलहाल इनकार कर दिया है। जस्टिस सीटी रवि कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने बेटे की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 11 अक्टूबर को प्रेमोदय खाखा की बेटी और बेटे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके पहले प्रेमोदय खाखा की बेटी और बेटे को तीस हजारी कोर्ट ने 22 सितंबर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक खाखा की बेटी पर अपराध के लिए उकसाने का आरोप है। पुलिस के मुताबिक खाखा पर आरोप है कि उसने नाबालिग लड़की के साथ नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच कथित तौर पर कई बार बलात्कार किया और उसे गर्भवती भी कर चुका है।
इस मामले में खाखा को पुलिस ने 21 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया था और वह न्यायिक हिरासत में है। खाखा की पत्नी सीमा रानी भी न्यायिक हिरासत में है, उस पर लड़की का गर्भपात कराने के लिए उसे दवा देने का आरोप है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक पीड़िता के पिता की एक अक्टूबर 2020 में मौत हो गई थी, जिसके बाद खाखा ने उसे अपने घर उसकी देखभाल के लिए बुला लिया था। पीड़िता खाखा को मामा कहकर बुलाती थी।
दिल्ली पुलिस ने दोनों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के विभिन्न प्रावधानों के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(एफ) , 509, 506, 323, 313, और 120बी के तहत एफआईआर दर्ज की है। खाखा दिल्ली सरकार के महिला और बाल विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर था। मामला सामने आने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया है।