Saturday, May 18, 2024

कर्मचारी नहीं कर्मयोगी बनें, समस्या का हल ढूंढ़ने की मानसिकता हो : अश्विनी वैष्णव

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नयी दिल्ली। रेल, संचार, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कहा कि सेवा क्षेत्र में काम करने वाले कर्मियों की मानसिकता में सुधार लाने और उसे समाधान उन्मुखी बनाने की जरूरत है क्योंकिदेश को विकसित भारत बनाने में उनकी भूमिका एवं योगदान महत्वपूर्ण हैं।

 

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वैष्णव ने आज यहां तीनों विभागों के कर्मियों को आई गॉट द्वारा मिशन कर्मयोगी के प्रशिक्षण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान यह टिप्पणी की। उन्होंने मिशन की प्रगति पर संतोष एवं प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि रेलवे, डाक, भारत संचार निगम लिमिटेड आदि में सर्वाधिक कर्मचारी सेवा क्षेत्र में कार्यरत हैं और उनका ग्राहकों एवं पक्षकारों से निरंतर संवाद संपर्क होता रहता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि मस्तिष्क कभी समस्या नहीं होता है, मानसिकता महत्वपूर्ण होती है। इसलिए मानसिकता को समस्या से परेशान होने वाली नहीं, बल्कि समाधान खोजने वाली और अपने काम को राष्ट्र निर्माण में योगदान अनुभव करने वाली होनी चाहिए।

 

उन्होंने कहा कि इन विभागों के कर्मचारियों की भूमिका विकसित भारत की मजबूत बुनियाद डालने में अहम है। उनके मिशन कर्मयोगी के प्रशिक्षण के बाद जो मानसिकता एवं भावनाएं विकसित हुईं हैं, उसे बनाये रखना जरूरी है। जो जिस स्तर पर पहुंचा है, उसे आगे के स्तर के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। तभी हम 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुंच पाएंगे।

 

इस अवसर पर उक्त विभागों के सचिव, रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अन्य शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे। करीब 30 लाख सरकार कर्मचारियों में से 20 लाख लोगों ने मिशन कर्मयोगी में प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण कराया है जिनमें से 24 लाख कर्मचारी डाक, रेल एवं संचार विभाग के हैं। इन 24 लाख कर्मचारियों में से 10 लाख कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है और उनकी उत्पादकता पहले की तुलना में काफी बेहतर हुई है।

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