मुजफ्रपफरनगर। केन्द्र व प्रदेश में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी के जिला संगठन में हर दिन कोई न कोई विवाद खड़ा हो जाता है। विशेषकर जब से डा. सुधीर सैनी भाजपा के जिलाध्यक्ष बने हैं, तब से उनके साथ हर महीने एक विवाद जुड रहा है।
ताजा मामला महिला मोर्चा की जिला उपाध्यक्ष सुनीता मलिक से फोन पर अभद्रता करने का सामने आया है। इस मामले में सुनीता मलिक ने जिलाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाये, तो जवाब में जिलाध्यक्ष ने भी सुनीता मलिक को नोटिस थमा दिया। यह मामला आज पूरा दिन चर्चाओं में रहा।
भाजपा महिला मोर्चा की जिला उपाध्यक्ष सुनीता मलिक आज कचहरी में पहुंची और मीडिया कर्मियों के समक्ष अपने साथ जिलाध्यक्ष द्वारा किये गए दुर्व्यवहार की जानकारी दी। सुनीता मलिक ने बताया कि वह पिछले 15 वर्षो से भाजपा में विभिन्न पदों पर काम करती आ रही है और वर्तमान में महिला मोर्चा में जिला उपाध्यक्ष है।
उन्होंने बताया कि तीन दिन पूर्व उनके गांव पीनना में एक विवाद हो गया था, जिसमें पुलिस एक व्यक्ति को शहर कोतवाली पकड़कर ले आई थी। सत्तारूढ पार्टी की नेता होने के कारण उनके पास उक्त व्यक्ति के परिजन मदद मांगने आये, जिस पर वह उनके साथ शहर कोतवाली पहुंची, जहां पर कोतवाल ने उन्हें तवज्जो नहीं दी और उनके कहने के बावजूद उक्त व्यक्ति को नहीं छोड़ा। इससे उन्हें बेहद ठेस पहुंची, तो उन्होंने जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी को फोन कर इस मामले की जानकारी दी।
सुनीता मलिक ने बताया कि उन्होंने जिलाध्यक्ष को कहा कि पुलिस बहुत छोटे-छोटे मामलों को बड़ा बनाकर गांव में लोगों के बीच रंजिश बढाने का काम कर रही है। उन्होंने पीनना वाले मामले का हवाला देते हुए कहा कि यह प्रकरण गांव में ही निपट सकता था, लेकिन पुलिस ने एक पक्ष से साज खाकर उनके परिचित को कोतवाली में लाकर प्रताड़ित किया। सुनीता मलिक ने आरोप लगाया कि जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी ने उनका पक्ष लेने के बजाय उल्टे फोन पर ही हडकाना शुरू कर दिया।
जिलाध्यक्ष का कहना था कि तुम कोतवाली में क्यों जाती हो, कोई भी मामला हो तो पहले जिलाध्यक्ष को जानकारी दी जाये और उसके बाद पार्टी देखेगी कि मामला किस स्तर का है और किस से सिफारिश करनी है। इस दौरान सुनीता मलिक ने भी जिलाध्यक्ष के व्यवहार पर एतराज जताया, जिससे दोनों में गरमा-गरम बहस हो गई। सुनीता मलिक ने जिलाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह पहले भी कई लोगों से इसी प्रकार अभद्र भाषा में बात कर चुके है। उन्होंने जिलाध्यक्ष के इस सवाल, कि तुम थाने में क्या लेने जाती हो, का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा की जिम्मेदार पदाधिकारी होने के कारण वह कार्यकर्ताओं की समस्याओं का समाधान कराने के लिये ही कोतवाली जाती है, जब चुनाव होते है, तब इन्हीं लोगों से वोट मांगने उनके दरवाजे पर जाते हैं, तो अब काम नहीं करायेंगे, तो आगे वोट किस मुंह से मांग लेंगे।
सुनीता मलिक ने आरोप लगाया कि अगर यही हालात रहे, तो जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी आने वाले लोकसभा चुनाव में डा. संजीव बालियान को भी नुकसान पहुंचा सकते है। यही हालात चलते रहे तो पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता घर बैठ जायेंगे और पार्टी के लिये काम नहीं कर पायेंगे, उन्होंने जिलाध्यक्ष पर अपनी पूरी भडास निकाली।
सुनीता मलिक ने कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के साथ सेल्फी लेने के लिये हाईकमान द्वारा समय-समय पर निर्देश दिये जाते है, तब जिलाध्यक्ष कहीं नहीं जाते, हमें ही लोगों के घर पर जाना पडता है। सुनीता मलिक ने कहा कि आज वह कचहरी में अकेली आयी है और मीडिया के सामने अपनी पीड़ा रखी है। अगर जिलाध्यक्ष ने अपने गलत व्यवहार के लिये माफी नहीं मांगी, तो वह ट्रैक्टर-ट्राॅली में भरकर महिलाओं की लायेंगी और जिलाध्यक्ष के खिलाफ धरना देगी। अब उन्हें चाहें पार्टी में रखा जाये या निकाल दिया जाये, लेकिन डा. सुधीर सैनी के खिलाफ उन्होंने जो लडाई शुरू की है, उसे अंजाम तक पहुंचाकर ही दम लेंगी।
उन्होंने कहा कि जब भाजपा में उनका मान-सम्मान ही नहीं बचा, तो पार्टी में रहकर भी क्या करेंगी। जिलाध्यक्ष अकेले पार्टी चला लेंगे, क्योंकि उन्हें कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं है, वह पहले भी कई कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार कर चुके है, जो उनकी आदत में शुमार है। वह पार्टी का नुकसान कर रहे हैं, जिसका खामियाजा डा. संजीव बालियान के चुनाव में भी भुगतना पडेगा। उन्होंने अपनी पीड़ा से पार्टी हाईकमान को भी अवगत करा दिया है।
इस मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी भी कडी कार्यवाही के मूड में आ गये है। उन्होंने सुनीता मलिक के व्यवहार को अनुशासनहीनता मानते हुए नोटिस थमा दिया है। जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी ने सुनीता मलिक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के लिये नोटिस दिया है। जिला उपाध्यक्ष सुनीता मलिक को दिये नोटिस में भाजपा जिलाध्यक्ष डा. सुधीर सैनी ने बताया कि विगत एक जनवरी को थाना शहर कोतवाली के गांव पीनना निवासी एक परिवार के साथ कुछ लोगों ने मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था और उन्हें पुलिस को सूचना देने से भी रोक दिया था। इस मामले की जानकारी पुलिस को मिली, तो पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था और शहर कोतवाली की हवालात में बंद कर दिया था।
इस मामले में पार्टी की जिला उपाध्यक्ष महिला मोर्चा सुनीता मलिक शहर कोतवाली पहुंची और उन्होंने पुलिस के काम में हस्तक्षेप करते हुए अनुचित दबाव बनाया। डा. सुधीर सैनी ने नोटिस में बताया कि सुनीता मलिक ने थाने में धरना दिया और आरोपी को जबरन छुडाने का दबाव थानाध्यक्ष पर बनाया, उन्हें उसी दिन इस मामले की जानकारी पुलिस ने दे दी थी। सुनीता मलिक के इस कृत्य से पार्टी की छवि धूमिल हुई है तथा भाजपा सरकार की प्रशासनिक छवि को खराब करता है।
जिलाध्यक्ष ने इस बात पर भी एतराज जताया कि सुनीता मलिक ने कचहरी परिसर में जाकर मीडिया से बात की और पार्टी की छवि को खराब करने का काम किया। सुनीता मलिक को दिये गये नोटिस में अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी देते हुए तीन दिन के अंदर लिखित उत्तर देने को कहा गया है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि यदि तीन दिन के अंदर सुनीता मलिक की और से नोटिस का उत्तर नहीं दिया गया, तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी
इसी बीच बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष यशपाल पंवार भी खुलकर जिलाध्यक्ष के सामने आ गए है। उन्होंने कहा कि सुनीता मलिक पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए ही थाने गयी थी। उन्होंने कहा कि सुनीता मलिक कार्यकर्ताओं के लिए लड़ रही थी ,कार्यकर्ताओं का सम्मान सर्वोपरि है। जिलाध्यक्ष का बर्ताव निंदनीय है।